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शीला दीक्षित सरकार लौटाए 11 करोड़: लोकायुक्त

नई दिल्ली | विशेष संवाददाता: दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को सरकारी धन का दुरुपयोग करने का दोषी पाते हुए राज्य के लोकायुक्त जस्टिस मनमोहन सरीन ने उन्हें स्वयं या उनकी पार्टी द्वारा 11 करोड़ रुपए सरकारी खजाने में जमा करने की सिफारिश की है. लोकायुक्त ने शीला दीक्षित सरकार द्वारा 2008 के विधानसभा चुनावों में सरकारी खजाने से खर्च किए 22 करोड़ रुपयों पर सवाल उठाया है.

लोकायुक्त ने अपनी जाँच के बाद कहा है कि सभी तथ्यों और गवाहों के बयानों को देखते हुए यह स्पष्ट हो जाता है कि शीला दीक्षित सरकार ने विधानसभा चुनावों से पूर्व अपने `राजनीतिक उद्देश्य’ से विज्ञापन प्रचार कार्यक्रम चलाए जो कि सरकारी कोष और सरकारी मशीनरी दोनों का दुरुपयोग है.

अब लोकायुक्त ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से यह सिफारिश की है कि वे मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को ‘सलाह’ दें कि वे स्वयं अथवा अपनी पार्टी की ओर से विज्ञापन पर आयी लागत की आधी राशि यानी कि 11 करोड़ रुपये या राष्ट्रपति के अनुसार कोई भी उचित राशि सरकारी खजाने में वापस कर दें.

गौरतलब है कि भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने जुलाई 2009 में दायर याचिका में आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनाव 2008 में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने सत्ता में वापस आने के लिए सरकारी मशीनरी का बेजा इस्तेमाल किया. अब लोकायुक्त ने इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है.

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