कलारचना

फिल्मों की लंबाई कम हो: शबाना

मुंबई | एजेंसी: अभिनेत्री शबाना आजमी ने शुकवार को फिक्की फ्रेम्स 2014 के विशेष सत्र में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने फिल्मों के नाटक और प्रस्तुतीकरण की तारीफ की लेकिन उन्होंने कहा कि बड़े बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए हमारी फिल्मों की लंबाई कम करनी चाहिए.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फिल्मों की स्वीकृति के बारे में बात करते हुए शबाना ने कहा, “अगर हम भारतीय फिल्मों के अंतर्रष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किए जाने की बात करें तो वह समय आ गया है जब दुनिया एक वैश्विक गांव में सिमट रही है. हमें हमारी संस्कृति को अपने प्रतिमानों में समझने की जरूरत है. बॉलीवुड ने बहुतों का ध्यान आकर्षित किया है, लेकिन जिस बदलाव की जरूरत है, वह है फिल्मों की लंबाई कम करना.”

उन्होंने आगे कहा, “हमारे उद्योग में तत्व, नाटक और प्रस्तुतीकरण अनोखा है और खासतौर से गाने बहुत अनोखे हैं. लेकिन हमें दुनिया के लिए वह रास्ता बनाना होगा, जिसमें वह हमें हमारे तरीके से स्वीकार करे.”

अभिनेता अनुपम खेर भी सत्र में उपस्थित थे. उन्होंने फिल्म जगत में आए बदलावों की तारीफ की.

अनुपम ने कहा, “जहां तक भारतीय फिल्मों का सवाल है, मैंने महसूस किया है कि सिनेमा विकसित हुआ है. चीजें और ज्यादा पेशेवर हो गई हैं.”

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि शाहरुख खान, अक्षय कुमार, आमिर खान वह कर सकते हैं जो टॉम क्रूज और ब्रैड पिट कर सकते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हॉलीवुड अभिनेता ‘तुझे देखा तो ये जाना सनम’ जैसा कुछ कर सकते हैं.”

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