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लालू के पटना आवास पर खामोशी

पटना | एजेंसी: केन्द्रीय जांच ब्यूरो की एक अदालत द्वारा सोमवार को चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद को दोषी करार दिए जाने के बाद पटना में उनके सरकारी आवास 10 सकरुलर रोड पर अजीब-सी खामोशी छा गई है. आम तौर पर लालू-राबड़ी के इस आवास के सामने काफी चहल-पहल रहती है. लेकिन सोमवार को सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर इक्के-दुक्के कार्यकर्ता ही नजर आए. इसी आवास में लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी रहती हैं.

आवास के सामने कुछ मायूस कार्यकर्ता जरूर मौजूद थे, जिन्हें आशा थी कि लालू आज इस मामले में बरी हो जाएंगे परंतु उन्हें दोषी करार दिया गया. न्यायालय के फैसले से नाराज आवास के सामने खड़े एक कार्यकर्ता ने कहा कि सभी लोगों को आशा थी कि उनके नेता इस मामले में बरी हो जाएंगे, इस कारण सुबह पटाखे भी खरीदे गए थे.

आवास के बाहर खड़े एक सुरक्षाकर्मी ने अपना नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि अंदर लालू प्रसाद का परिवार है. उसने बताया कि फैसले के बाद कुछ नेता अंदर भी गए हैं, इसके अलावा अभी किसी को जाने की इजाजत नहीं दी गई है.

उल्लेखनीय है कि लालू रविवार को ही अपने पुत्रों के साथ रांची के लिए रवाना हो गए थे.

राजद के प्रदेश कार्यालय में भी कार्यकर्ताओं की संख्या न के बराबर रही. जो कार्यकर्ता यहां हैं भी वे कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं. वे सिर्फ एक ही बात कह रहे हैं कि उनके नेता को फंसा दिया गया है.

इधर चारा घोटाले में फैसले के मद्देनजर बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट कर दिया गया है. राज्य पुलिस मुख्यालय के एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक चहल-पहल वाले बाजारों और मुख्य मार्गो पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है तथा महत्वपूर्ण मार्गो पर नियमित गश्त कराई जा रही है.

गौरतलब है कि पशुपालन विभाग के करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्रियों -लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र- सहित सभी 45 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है. इन पर एकीकृत बिहार के चाईबासा जिला कोषागार से 37.70 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का आरोप था. वर्तमान समय में चाईबासा झारखंड का हिस्सा है.

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