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अधिवक्ता सुधा भारद्वाज गिरफ़्तार

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल की महासचिव और हाईकोर्ट की अधिवक्ता सुधा भारद्वाज को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है. उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाये गये हैं.

पुलिस के अनुसार सुधा भारद्वाज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 505, 117 और 120 के तहत मामला दर्ज किया गया है. छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा से जुड़ी रहीं सुधा भारद्वाज राज्य सरकार की विधिक सेवाओं से भी जुड़ी रही हैं.

सूत्रों का कहना है कि मंगलवार की सुबह ही पुलिस ने देश के कई शहरों में एक साथ छापामारी की. मुंबई, दिल्ली, रांची, गोवा और हैदराबाद में एक साथ की गई छापामारी में कई और मानवाधिकार संगठनों से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी की खबर है. हालांकि इन गिरफ्तारियों को लेकर कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने नाराजगी जताई है.


जिन लोगों के घर छापामारी की गई है, उनमें फादर स्टेन स्वामी, क्रांति टेकुला, सुसन अब्राहम, आनंद तेलतुंबड़े और गौतम नवलखा शामिल हैं. सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने मंगलवार सुबह करीब छह बजे देश के अलग-अलग हिस्सों में छापामारी की. इस छापेमारी में पुलिस ने कंप्यूटर, लैपटॉप, सीडी, कागजात और किताबों जैसे कई सामान जब्त किए हैं.


गिरफ्तार किये गये लोगों से महाराष्ट्र में कुछ संगठनों के बारे में भी पूछताछ की गई. ये छापेमारी महाराष्ट्र में उनके खिलाफ दर्ज एक मुक़दमे के कारण की गई. जिसमें उनके इस साल 1 जनवरी को महाराष्ट्र के पुणे के नजदीक भीमा-कोरेगांव हिंसा में संलिप्त रहने के आरोप हैं.


रांची में जिन फादर स्टेन स्वामी के घर पुलिस ने छापामारी की, उन पर झारखण्ड सरकार पत्थलगड़ी मामले में राजद्रोह का मामला दर्ज चुकी है. स्वामी पर आरोप है कि उन्होंने देश के खिलाफ पत्थलगड़ी मामले में कुछ लोगों को भड़काया है. इसके अलावा जिन लोगों के घरों पर छापामारी की कार्रवाई की गई है, पुलिस उन पर माओवादी समर्थक होने का आरोप लगाती रही है.


पुणे पुलिस ने मंगलवार को जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, वरवर राव, वरनॉन गोंज़ाल्विस और अरुण फ़रेरा शामिल हैं. इधर हरियाणा हाईकोर्ट ने पेश किये गये सबूतों को अपर्याप्त बताते हुये सुधा भारद्वाज को ट्रांजिट रिमांड पर देने के बजाये 30 अगस्त तक उन्हें घर में ही रखे जाने के निर्देश दिये हैं. दूसरी ओर गौतम नवलखा को भी दिल्ली हाईकोर्ट ने सुबह सुनवाई होने तक वापस घर ले जाने का आदेश दिया.

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