कलारचना

सनी लियोन बनी वीरमादेवी

मुंबई | संवाददाता: सनी लियोन के साथ संकट ये है कि उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में गंभीरता से नहीं लिया गया. सनी बार-बार अपने अभिनय का हवाला देती रहीं लेकिन हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी में भी उन्हें नकार दिया गया. इसके पीछे एक बड़ा कारण तो यही माना जाता है कि सनी लियोन को महज पोर्न स्टार से अधिक नहीं समझा गया. लेकिन विरमादेवी शायद इस छवि को बदल दे.

अब सनी तमिल फिल्म इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं और उनका दावा है कि वीरमादेवी में एक योद्धा की भूमिका में वे अपने को प्रमाणित करेंगी. उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने से वे बहुत ही एक्साइटेड हैं. योद्धा बनना ऐसा कुछ है, जो वे हमेशा से निभाना चाहती थीं.

फिल्म वीरमादेवी के साथ तमिल फिल्म उद्योग में कदम रखने वाली सनी लियोन इस फिल्म में एक ऐसी देवी की भूमिका में हैं, जो वस्तुतः एक योद्धा है. वह पुरुषों की ही तरह तमाम तरह की कलाओं में पारंगत है.

सनी को फिल्म इंडस्ट्री में पहली बार भट्ट कैंप जब लेकर आया था तो उसे एक बड़े अभिनेत्री के तौर पर प्रचारित-प्रसारित किया गया. महेश भट्ट अपने दार्शिनक अंदाज में इस पोर्न इंडस्ट्री की कलाकार को महान बताते रहे. भट्ट कैंप को यह अनुमान था कि सनी लियोन के नाम से पोर्न इंडस्ट्री को जानने वाले उनकी फिल्म पर टूट पड़ेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

भट्ट कैंप के तमाम लटके-झटके और फिल्म बेचने के इस नये तरीके से प्रभावित कई दूसरे फिल्मकारों ने भी सनी लियोन के सहारे अपनी नैया पार करने की कोशिश की. लेकिन वे इसमें असफल रहे. सनी ने कुछ वेब सीरिज में भी काम किया. दूसरी भाषाओं की ओर भी रुख किया लेकिन बात बनी नहीं. सनी का कहना है कि वीरमादेवी सारे मिथकों को तोड़ देगी.

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