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निठारी कांड: सुरेंद्र कोली को माफी नहीं

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: निठारी कांड के आरोपी सहित 5 की दया याचिका राष्ट्रपति ने की खारिज. देशभर में चर्चा का विषय रहे निठारी के सिलसिलेवार दुष्कर्म, हत्या और मानव मांस भक्षण के मामले के दोषी सुरेंद्र कोली सहित हत्या के पांच अन्य आरोपियों की दया याचिका राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ठुकरा दी.

केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने अपना फैसला दिया है. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. नोएडा के निठारी गांव में 2005-6 के दौरान बच्चियों को लालच देकर दुष्कर्म करने और फिर उनकी हत्या करने के दोषी कोली को मृत्युदंड सुनाया गया था.

सर्वोच्च न्यायाल ने फरवरी 2011 में उसकी सजा को बहाल रखा था.

निठारी मामला दिसंबर 2006 में तब सामने आया जब नोएडा के एक बंगले के पीछे सफाई के दौरान मानव अंग मिले थे. ये मानव अवशेष 19 महिलाओं और बच्चियों के थे. आरोप है कि मोनिंदर सिंह पंधेर के नौकर कोली ने इनके साथ दुष्कर्म कर उनकी हत्या कर दी.

रविवार को सूत्रों ने बताया कि कोली के अलावा मध्य प्रदेश के जगदीश, महाराष्ट्र के रेणुकाबाई, समा और राजेंद्र प्रल्हादराव वासनिक और असम के होलीराम बोरदोलोई की दया याचिका भी गृह मंत्रालय की सिफारिश पर खारिज की गई है.

ये सभी हत्याओं के मामले में दोषी ठहराए गए थे.

0निठारी कांड
29 दिसंबर 2006 : नोएडा स्थित निठारी गाँव में एक मकान के नाले से आठ बच्चों के कंकाल की बरामदगी से हुआ इस हत्याकांड का खुलासा. मकान मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसका नौकर सुरिंदर कोली गिरफ्तार.

30 दिसंबर : नाले से और कंकाल बरामद हुए.

31 दिसंबर : दो बीट कांस्टेबल को निलंबित किया गया.

5 जनवरी 2007 : यूपी पुलिस अभियुक्तों को नारको टेस्ट के लिए गाँधीनगर लेकर गई.

10 जनवरी : सीबीआई ने मामले की जाँच का जिम्मा संभाला.

11 जनवरी : मामले की जाँच शुरू करने के लिए सीबीआई का पहला दल निठारी पहुँचा. सीबीआई ने मकान के निकट 30 और हड्डियाँ बरामद की.

12 जनवरी : मोनिंदरसिंह पंढेर और सुरिंदर कोली से सीबीआई ने की पूछताछ.

20 जनवरी : उत्तरप्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में रिपोर्ट दाखिल की.

08 फरवरी : विशेष सीबीआई अदालत ने पंढेर और सुरिंदर कोली को 14 दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा.

12 फरवरी : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले के अध्ययन के लिए समिति का गठन किया.

22 मई : सीबीआई ने गाजियाबाद की अदालत में मामले में पहला आरोप पत्र दाखिल किया. मोनिंदरसिंह पंढेर पर हलके आरोप लगाए गए, जबकि सुरिंदर कोली पर बलात्कार, अपहरण और हत्या के आरोप लगाए गए.

एक मई 2008 : निठारी हत्याकांड के तीन पीड़ितों के पिता मुख्य अभियुक्त पंढेर को हत्या और अपहरण के आरोपों से मुक्त करने को लेकर सीबीआई के खिलाफ अदालत पहुँचे.

11 मई : गाजियाबाद की अदालत ने सीबीआई को हत्याओं में पंढेर की भूमिका की जाँच करने का आदेश दिया.

छह सितंबर : निठारी हत्याकांड की शिकार एक लड़की के पिता जतिन सरकार का शव पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में नदी से बरामद.

एक नवंबर : उच्चतम न्यायालय ने एक पीड़ित के रिश्तेदार के आरोपों पर सीबीआई को नोटिस भेजा. इसमें आरोप लगाया गया कि सीबीआई पंढेर को बचाने का प्रयास कर रही है.

13 दिसंबर : गाजियाबाद की विशेष सीबीआई ने मोनिंदरसिंह पंढेर के खिलाफ दो किशोरियों से बलात्कार तथा उनकी हत्या के मामले में आरोप तय किए.

12 फरवरी 2009 : विशेष सीबीआई न्यायाधीश ने पंढेर और कोली को बलात्कार तथा हत्या का दोषी ठहराया.

13 फरवरी 2009 : निठारी में सिलसिलेवार 19 हत्याओं में से एक 14 वर्षीय रिम्पा हालदार के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के लिए विशेष अदालत ने पंढेर तथा कोली को मौत की सजा सुनाई.

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