देश विदेश

मुकाबले को तैयार सीरिया: असद

दमिश्क | एजेंसी: सीरिया के राष्ट्रपति बसर अल-असद ने कहा है कि सीरिया किसी भी हमले का मुकाबला करने को तैयार है. उन्होनें कहा कि फिलहाल सीरिया आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है. उनका यह बयान अमरीकी राष्ट्रपति के उस बयान के बाद आया है जिसमें बराक ओबामा ने कहा था कि वे सीरिया के खिलाफ सैन्य हस्तक्षेप करेंगे.

ईरानी अधिकारियों के साथ बैठक के पश्चात् बसर अल-असद ने सरकारी टेलीविजन पर यह कहा कि “सीरिया किसी भी विदेशी आक्रमण का मुकाबला करने में सक्षम है.” असद ने कहा, “अमेरिका के सैन्य हस्तक्षेप की चेतावनी सीरिया को अपने मूल सिद्धांतों से डिगा नहीं पाएगा. न ही सीरिया आतंकवाद के खिलाफ अपनी जंग को रोकेगा जिसे कुछ क्षेत्रीय और पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त है.”

सीरियाई राष्ट्रपति असद का बयान ऐसे समय में आया है जब अमरीकी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका को सीरिया में रासायनिक हमले के साक्ष्य मिले हैं. उन्होंने कहा था कि सारिन गैस का इस्तेमाल किया गया जिसमें 1400 लोगों की मौत हो गई. उधर, सीरिया सरकार का कहना है कि रासायनिक हमला विद्रोहियों की तरफ से किया गया है.

इससे पहले अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था कि सुरक्षा परिषद पंगु हो गई है. बराक ओबामा ने सीरिया पर सीमित हमला करने का प्रस्ताव अमरीकी कांग्रेस को भेज दिया है. कांग्रेस की अनुमति के पश्चात् अमरीका, सीरिया पर हमला कर सकता है. फ्रांस के राष्ट्र पति ने पहले ही अमरीका को अपने समर्थन की घोषणा कर दी है. वहीं ब्रिटिश हाउस ऑफ कामंस ने सीरिया पर हमले के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.

सीरिया पर अमरीका की नजर क्यों

माना जा रहा है कि सीरिया एक ऐसा देश है जिसके भूगर्भीय तेल को अभी तक ठीक से नही निकाला गया है. अमरीका तथा पश्चिमी देश मुख्यः कुवैत, सऊदी अरब, इराक आदि पर तेल के लिये निर्भर हैं. चूंकि इन देशो में तेजी से तेल निकाला जा रहा है इसलिये इनके खत्म होने की भी संभावना है. इसी कारण अमरीका सहित पश्चिमी देशें की नजर भविष्य के लिये सीरिया पर है.

दूसरा इराक का पड़ोसी देश होने के कारण सीरिया के पास इस बात की क्षमता है कि वह निकाले गये तेल के परिवहन में बाधा पहुचा सकता है. इसी कारण सीरिया पर अमरीका की नजर है तथा वह वहां पर पिठ्ठू सरकार चाहता है. यह बात सर्वविदित है कि अमरीका ही सीरिया के विद्रोहिंयों को हथियार देता है.

सीरिया युद्ध का संभावित असर

शिया बहुल होने के कारण सीरिया पर हमले से सऊदी अरब तथा कुवैत जैसे बड़े उत्पादक देशों में आंतरिक तनाव बढ़ सकता है. जिसका सीधा असर विश्व भर में भेजे जा रहे तेल पर पड़ेगा. रूस ने सीरिया का समर्थन करने की घोषणा कर दी है. इस कारण सीरिया पर हमले से अमरीका-रूस के मध्य तनाव बढ़ सकता है. इराक तथा अजरबैजान से होने वाले तेल के निर्यात पर सीरिया असर डाल सकता है.

error: Content is protected !!