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दिल्ली में टाटा पावर ऑडिट को तैयार

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: अरविंद केजरीवाल द्वारा सीएजी से बिजली कंपनियों के ऑडिट करवाने का टाटा पावर ने समर्थन किया है. दिल्ली की बिजली कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के सीईओ प्रवीर सिन्हा ने पत्रकारो से कहा है कि “यदि सीएजी द्वारा लेखापरीक्षण जरूरत होगी, तो हम निर्देशों का निश्चित रूप से पालन करेंगे. हम सभी संवैधानिक, और प्रशासनिक कानूनों और नियमावलियों का पालन करेंगे.” उन्होंने कहा कि कंपनी सीएजी से जांच कराए जाने के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर रही है.

टाटा पावर के प्रवीर सिन्हा ने बुधवार को प्रति माह 400 यूनिट तक की खपत पर 50 फीसदी सब्सिडी देने के दिल्ली सरकार के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “उपभोक्ताओं की दृष्टि से यह बढ़िया कदम है. इससे उन्हें राहत मिलेगी. मैं सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं.”

गौरतलब है कि नवगठित आम आदमी पार्टी की सरकार ने मंगलवार को दिल्ली में प्रति परिवार प्रति माह 400 यूनिट तक बिजली खपत पर 50 फीसदी सब्सिडी देने की घोषणा की थी. इससे शहर के करीब 28 लाख उपभोक्ताओं को फायदा होगा.

दिल्ली सरकार ने मंगलवार को बिजली वितरण कंपनियों को देश के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से कराए जाने वाले संभावित लेखापरीक्षण पर अपनी आपत्ति दर्ज करने के लिए भी कहा.

दिल्ली मे टाटा पावर के अलावा रिलायंस की बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना बिजली वितरण की कंपनियां हैं.टीपीडीडीएल उत्तरी और पश्चिमोत्तर दिल्ली में करीब 13 लाख उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करती है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को उम्मीद जताई थी कि लेखापरीक्षण के बाद सब्सिडी की जरूरत खत्म हो जाएगी. उन्होंने बुधवार को हालांकि माना कि सब्सिडी के जरिए बिजली दर घटाया जाना स्थायी समाधान नहीं है.

उन्होंने कहा, “इस रास्ते पर लंबे समय तक चला नहीं जा सकता है. इसलिए लेखापरीक्षण जरूरी है. यह सिर्फ लंबी अवधि का समाधान ढूंढने के पहले लोगों को कुछ समय के लिए राहत देने जैसा है.”

केजरीवाल ने दिल्ली की बिजली कंपनियों का लेखापरीक्षण करवाने के लिए मंगलवार को देश के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक शशि कांत शर्मा से मुलाकात की थी.

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