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तेलांगना के विरोध में बंद-इस्तीफे

हैदराबाद | एजेंसी: तेलंगाना को केंद्र की मंजूरी के विरोध में आंध्र बंद का व्यापक असर नज़र आ रहा है.केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पृथक तेलांगना राज्य को मंजूरी देने के विरोध में सीमांध्र व तटीय आंध्र के सभी 13 जिलों में दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान व शैक्षिक संस्थान बंद रहे.

आंध्र प्रदेश के विभाजन के विरोध में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और जबरन होटल एवं दुकानें बंद कराईं. विरोध में मुख्य मार्गो पर पहिए फूंके गए. उन्होंने राज्य की सड़कों व राष्ट्रीय राज्यमार्गो को अवरुद्ध किया, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई.

प्रदर्शनकारियों ने ‘जय समेक्य आंध्र’ के नारे लगाते हुए कांग्रेसी नेताओं के पुतले फूंके और विशाखापटनम, विजयवाड़ा, गुंटूर, तिरुपति, अनंतपुर, कुरनूल और अन्य शहरों की जिंदगी में ठहराव ला दिया.

आंध्र प्रदेश नॉन-गजेटिड ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित किए जाने के चलते पड़ोसी राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा में सड़क यातायात प्रभावित हुआ. यह एसोसिएशन सीमांध्र में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल का प्रतिनिधित्व करती है.

एपीएनजीओएस ने 48 घंटे के बंद का आह्वान किया जबकि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी व समेक्य आंध्र ज्वाइंट एक्शन कमेटी की जिला इकाइयों ने 72 घंटे के बंद की अपील की है.

सीमांध्र में गुरुवार शाम के बाद से हाईअलर्ट है. व्यापक विरोध को देखते हुए केंद्रीय व राज्य मंत्रियों, संसद सदस्यों व राज्य विधानसभा सदस्यों के आवासों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.

इससे पहले केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री एम.एम.पल्लम राजू ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रिमंडल के पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया है. पल्लम राजू ने संवाददाताओं से कहा, “आंध्र प्रदेश के लिए यह बहुत दुखद दिन है. मैं बहुत आहत हूं और जिस तरह से राज्य के विभाजन का निर्णय किया गया उससे व्यथित हूं.”

उनके अलावा इस फैसले के विरोध में सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. राज्य मंत्री के.चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी.

डी.पुरन्देश्वरी और के.क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं. सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं.

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीव ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया. अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं.

पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया. मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा.

कांग्रेस के चार सांसदों वी.अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए.साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया.

जनता के भारी दबाव के कारण तटीय आंध्र के तीन अन्य मंत्रियों और सांसदों के शुक्रवार को इस्तीफा देने की आशंका है.

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