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हजारों करोड़ का कर्जदार माल्या देश से फुर्र

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: बैंकों के कई हजार करोड़ रुपये के कर्जदार विजय माल्या देश छोड़कर चले गये हैं. जाहिर है कि उन्हें बैंकों ने जनता के गाढ़ी कमाई के पैसों से ही ऋण दिया था. उद्योगपति विजय माल्या को अपने पासपोर्ट के साथ अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की मांग करने वाली एक याचिका पर सर्वोच्च नयायालय ने बुधवार को माल्या को एक नोटिस जारी किया. अदालत से यह भी कहा गया कि माल्या देश से निकल चुके हैं. न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति रोहिंटन फाली नरीमन ने माल्या को नोटिस जारी किया. इससे पहले महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने अदालत से कहा कि बेंगलुरू स्थिति ऋण वसूली न्यायाधिकरण में दो मार्च को माल्या को डियाजियो से 7.5 करोड़ डॉलर भुगतान रोकने के लिए आवेदन दाखिल किए जाने के तुरंत बाद माल्या देश से बाहर निकल गए.

भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में 17 बैंकों के कंशोर्टियम ने माल्या को देश से बाहर जाने पर रोकने, उनकी गिरफ्तारी करने और उनका पासपोर्ट जब्त किए जाने की मांग की थी. बैंकों ने कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा याचिका स्वीकार नहीं किए जाने को चुनौती दी है.

नोटिस माल्या को व्यक्तिगत रूप से, उनकी कंपनी के जरिए, कर्नाटक उच्च न्यायालय और डीआरटी में उनकी पैरवी करने वाले वकीलों के जरिए और लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के जरिए दिया जाएगा.

यह नोटिस उनके आधिकारिक राज्यसभा ईमेल आईडी पर भी भेजा जाएगा.

रोहतगी ने अदालत से कहा कि माल्या ने जो संपत्ति गिरवी रखी है, वह किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 9,000 करोड़ रुपये ऋण के 15वें हिस्से के बराबर भी नहीं है.

अदालत ने उनसे सवाल किया कि आखिर इतनी छोटी गिरवी पर इतनी बड़ी राशि कैसे ऋण के रूप में दी गई. रोहतगी ने कहा कि यह ऋण किंगफिशर एयरलाइंस के ब्रांड और लोगो की एवज में दिया गया था, जो तब काफी कीमती था, लेकिन अब बेकार हो गया है.

अदालत ने नोटिस का जवाब देने के लिए माल्या को दो सप्ताह का समय दिया और अगली सुनवाई 30 मार्च को निश्चित की.

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