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अमरीका ने 231 साइबर हमले किए थे

वॉशिंगटन | एजेंसी: अमरीकी खुफिया एजेंसियों ने 2011 में 231 साइबर हमले किये थे. ऐसा अमरीकी गोपनीय दस्तावेजों के नए खुलासे में एक नया राज सामने आया है. इसी के साथ पता चला है कि अमरीका ने चालू वित्त वर्ष के लिए 52.6 अरब डॉलर के गुप्त बजट के साथ एक खुफिया जानकारी जुटाने वाला एक तंत्र बनाया खड़ा किया है.

ईरानी समाचार एजेंसी, मेहर ने ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ के हवाले से बताया है कि सीआईए के पूर्व ठेकेदार एडवर्ड स्नोडेन द्वारा जारी दस्तावेजों से पता चला है कि वाशिंगटन के साइबर हमले बढ़ते जा रहे हैं, क्योंकि अमेरिकी खुफिया सेवाएं अन्य देशों के कंप्यूटर नेटवर्क में घुस जाती हैं और उसे बाधित कर देती है.

अमरीकी बजट दस्तावेजों से 65.2 करोड़ डॉलर की एक परियोजना का भी खुलासा हुआ है, जिसका कोड नाम ‘जीईएनई’ था. इस परियोजना के तहत अमरीकी कम्प्यूटर विशेषज्ञ विदेशी कंप्यूटर नेटवर्को में घुसपैठ कर उन्हें गोपनीय अमरीका के नियंत्रण में कर लेते थे.

रपट में कहा गया है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन ने इस तरह के साइबर हमलों की बात स्वीकार करने से इंकार कर दिया है और इसे गोपनीय बताया है.

अक्टूबर 2012 में अमरीकी राष्ट्रपति द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक साइबर अभियान तब आपत्तिजनक है, जब इसके जरिए कंप्यूटर या कंप्यूटरों नेटवर्को में सुरक्षित जानकारी में हेरफेर किया जाए, उसे बाधित किया जाए या उसे घटाया जाय या खत्म किया जाए.

राष्ट्रपति के नीति निर्देशों के अनुसार अमरीकी सेना द्वारा किए जाने वाले साइबर हमलों के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति जरूरी होती है. जबकि वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि ये निर्देश अमरीकी खुफिया समुदाय पर काफी हद तक लागू नहीं होते.

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