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वर्षा डोंगरेः निलंबन अवधि में अंबिकापुर होगा मुख्यालय

रायपुर | संवाददाताः वर्षा डोंगरे को अब सरगुजा के अंबिकापुर जेल में उपस्थिति देनी होगी. राज्य सरकार ने रायपुर के डिप्टी जेलर पद से निलंबन के बाद निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय अंबिकापुर जेल को बनाया है. इस आशय का पत्र उन्हें जारी कर दिया गया है.

घर में उनकी अनुपस्थिति के कारण उनके निवास पर जेल प्रशासन ने नोटिस चस्पा कर दी है. अवकाश के लिये ईमेल भेजने के बाद से ही वे भिलाई चली गई हैं.

शनिवार को ही राज्य सरकार ने बिना अनुमति के अवकाश पर होने का हवाला देते हुये वर्षा डोंगरे को निलंबित कर दिया था.अधिकारियों का कहना था कि वर्षा डोंगरे ने ईमेल भएज कर अवकाश की बात कही थी लेकिन उन्हें अवकाश स्वीकृत नहीं किया गया था, फिर भी वे अपने काम से अनुपस्थित रही.

हालांकि राज्य के गृहमंत्री रामसेवक पैंकरा ने कहा था कि फेसबुक पर सरकार विरोधी टिप्पणी के कारण उन्हें निलंबित किया गया है. पैकरा के अनुसार वर्षा डोंगरे की कथित माओवादी विचारधारा की भी जांच की जा रही है.

पिछले महीने की 28 तारीख को वर्षा ने एक वाट्सऐप ग्रूप में सुरक्षाबल के कुछ लोगों द्वारा आदिवासियों के खिलाफ टिप्पणी किये जाने पर एक पोस्ट लिखा था. इस पोस्ट मे उन्होंने सुरक्षा बलों पर की गंभीर आरोप लगाये थे और सुझाव दिया था कि आदिवासियों की समस्याओं को केंद्र में रख कर समस्या सुलझाई जा सकती है. इस टिप्पणी को उन्होंने बाद में अपने फेसबुक वॉल पर भी पोस्ट किया था. इसके बाद उनका पोस्ट वायरल हो गया.

वर्षा ने बस्तर में काम करने के दौरान अपने अनुभव साझा किये थे कि किस तरह नाबालिग आदिवासी लड़कियों के स्तन और हाथों में करंट लगा कर उन्हें सुरक्षाबलों द्वारा प्रताड़ित किया जाता है. उन्होंने सरकार की कड़ी आलोचना करते हुये कहा था कि सरकार पूंजीपतियों के साथ मिल कर साजिश रच रही है. उन्होंने कहा कि आदिवासी नक्सलवाद का खात्मा चाहते हैं लेकिन नक्सलवाद का खात्मा करने के नाम पर देश के रक्षक आदिवासियों की इज्जत लूट रहे हैं, उनके घरों को जला रहे हैं और उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दायर कर उन्हे जेलों में सड़ने के लिये भेजा जा रहा है.

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