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विनोद वर्मा की जमानत याचिका खारिज

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मंत्री राजेश मूणत की कथित अश्लील सीडी मामले में गिरफ़्तार वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा की जमानत याचिका खारिज़ हो गई है. अदालत ने मामले की गंभीर प्रकृत्ति का हवाला देते हुये जमानत नहीं दिया.

विनोद वर्मा के वकीलों का कहना है कि अब सेशन कोर्ट में जमानत याचिका दायर की जायेगी.

रायपुर के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी भावेश कुमार वट्टी की अदालत में विनोद वर्मा के वकीलों ने शुक्रवार को ही याचिका लगाई थी. लेकिन जब अदालत ने पुलिस से केस डायरी मांगी तो पुलिस केस डायरी प्रस्तुत नहीं कर पाई. इसलिये अदालत ने मामले की सुनवाई सोमवार को निर्धारित करते हुये पुलिस को केस डायरी के साथ प्रस्तुत होने का निर्देश दिया.

सोमवार को केस डायरी पेश किये जाने के बाद वकीलों ने बहस की, जहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई. विनोद वर्मा की ओर से सुदीप श्रीवास्तव और फैसल रिजवी ने पैरवी की. अदालत ने कहा कि मामले की प्रकृत्ति गंभीर है, इसलिये जमानत नहीं दी जा सकती.

विनोद वर्मा को पिछले महीने की 27 तारीख को तड़के छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार के मंत्री राजेश मूणत से जुड़ी एक कथित सेक्स सीडी के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने ग़ाज़ियाबाद से गिरफ़्तार किया था. पुलिस ने तड़के साढे तीन बजे के आसपास उत्तरप्रदेश और दिल्ली की पुलिस के साथ वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा के महुगण मेंशन स्थित फ्लैट को घेरा और फिर विनोद वर्मा को गिरफ़्तार कर लिया.

उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस सड़क मार्ग से गाजियाबाद से लेकर रायपुर पहुंची और 29 अक्टूबर रविवार को रायपुर की अदालत में पेश किया गया, जहां पुलिस ने उन्हें तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था. इसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया था, जहां उन्हें 13 नवंबर तक के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

अदालत ने पुलिस को उनकी सुरक्षा और स्लिप डिस्क के इलाज को लेकर भी अदालत ने निर्देश दिये थे.

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