कोरबाबिलासपुर

बालको हादसे में आरोप तय

कोरबा | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता-स्टरलाइट की बालको चिमनी हादसा मामले में 13 आरोपियों पर एडीजे कोर्ट ने आरोप तय कर दिए है. उम्मीद की जा रही है कि इस हादसे के जिम्मेवार लोगों के खिलाफ तेजी से सुनवाई हो पाएगी.

गौरतलब है कि वेदांता-स्टारलाइट की कंपनी बालको द्वारा अवैध रुप से निर्माणाधीन 1200 मेगावाट के विद्युत इकाई की 248 मीटर उंची चिमनी 23 सितबंर 2009 को धाराशाई हो गई थी. देश के इस बड़े औद्योगिक हादसे में 40 मजदूरों की मौत हो गई थी. इस मामले में अनिल अग्रवाल की वेदांता ने हाथ झाड़ लिये थे कि इस मामले में ठेका कंपनी जिम्मेवार है. दूसरी ओर ठेका कंपनी सेपको ने भी इसके लिये वेदांता को जिम्मेवार बताया था.

बालको चिमनी हादसा मामले की सुनवाई करते हुये अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सी के अजगले ने 17 में से 13 अभियुक्तों पर आरोप तय किया है. जिन लोगों के खिलाफ आरोप तय हुये हैं, उनमें बालको के तत्कालीन प्रोजेक्ट मैनेजर विरल मेहता, एजीएम दीपक नारंग, जीटीई अनूप महापात्र, चीनी ठेका कंपनी सेपको के प्रोजेक्ट मैनेजर वू छूनान, ल्यू जाकसन, वांग क्यूंग, एनसीबीएम वल्लभगढ़ हरियाणा के जीएम आर के गोस्वामी, ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. एम एन अली, ठेका कंपनी जीडीसीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज शर्मा, इंजीनियर आलोक शर्मा, सुनील सिंह, शेट्टी वेंकटेश, अनिरुद्ध तोमर शामिल है. एक आरोपी एनसीबीएम के यूके मंडल की दो साल पहले ही मौत हो चुकी है. वहीं तीन आरोपी अभी भी फरार है.

15 अप्रैल को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सभी आरोपियों पर धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला चलाने का आदेश दिया था. इधर आरोप तय किये जाने के समय चीनी ठेका कंपनी के तीनों आरोपी अधिकारियों के वकील ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किलों को हिंदी या अंग्रेजी समझ में नहीं आती. लेकिन कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया.

यहां यह भी ध्यान रहे कि इस घटना की जांच के लिये राज्य सरकार ने संदीप बख्शी आयोग का गठन किया था, जिसने पूरे तीन साल बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी. इस जांच रिपोर्ट में वेदांता-स्टरलाइट कंपनी बालको के अधिकारी, चिमनी का निर्माण करने वाली ठेका कंपनी सेपको के परियोजना प्रबंधक और उप ठेका कंपनी जीडीसीएल के परियोजना प्रबंधक व इंजीनियर, वल्लभगढ़ के वैज्ञानिक और इंजीनियर को इस हादसे के लिये जिम्मेवार बताया था.

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