छत्तीसगढ़

सामाजिक बहिष्कार पर लगाम लगेगा

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ में सामाजिक बहिष्कार जैसे कुरीतियों पर जल्द लगाम लग जायेगा. सूत्रों की मानें तो इसके लिये छत्तीसगढ़ सरकार एक कड़ा कानून बनाने पर मंथन कर रही है. उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्य में सतनामी समाज के पंचायत में एक 28 वर्षीय युवक अमरदास बंजारे को पीट-पीटकर इसलिये मार डाला गया था क्योंकि उसने समाज द्वारा बहिष्कृत किये गये परिवार के एक कार्यक्रम में भाग लिया था.

दुर्ग के पाटन इलाके के ग्राम रूही में सतनामी समाज की पंचायत ने प्रेम विवाह करने वाले एक परिवार का बहिष्कार कर दिया था. घटना 9 अगस्त 2016 की है.

उससे दो दिन पहले कोरिया के सोनहत इलाके में रहने वाले दो दलितों भैय्यालाल तथा रामप्रसाद का वनविभाग के कहने पर मृत हाथी के पोस्टमार्टम में सहयोग करने के लिये समाज ने पांच हजार रुपयों का जुर्माना ठोंक दिया था. दोनों दलितों पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने ‘भगवान गणेश’ का पोस्टमार्टम किया था.

कई बार राज्य के किसी हिस्से से अंतर्जातीय विवाह करने के कारण उन्हें समाज द्वारा बहिष्कृत कर देने की खबरें भी आती रहती हैं.

सामाजिक बहिष्कार जैसे कुरीतियों को रोकने के लिये कानून मौजूद है परन्तु छत्तीसगढ़ सरकार इसके कमियों को दूर करने के लिये एक कड़ा कानून बनाना चाहती है.

छत्तीसगढ़ के गृह सचिव अरुणदेव गौतम ने इसकी पुष्टि करते हुये कहा कि इस विषय पर एक्ट बनाने के लिये विचार चल रहा है. हालांकि, कानून के बन जाने के बाद उसे लागू करवाना भी एक चुनौती बनी रहेगी.

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