स्वास्थ्य

ठंड में आंखों की हिफाजत

नई दिल्ली | एजेंसी: कड़ाके की सर्दियों में यदि आपकी आंखों में जलन हो रही हो, चीजें धुंधली दिखाई दे रही हों या देखने में किसी अन्य तरह की दिक्कत आ रही हो तो इसे आंखों की सामान्य समस्या के तौर पर न लें.

तेज सर्दियों में लोगों में ये परेशानियां तेजी से फैलती हैं, लेकिन सामान्य समस्या न होकर वास्तव में ये परेशानियां ड्राई-आई सिंड्रोम नामक बीमारी के लक्षण हैं.

रूह कंपाने वाले इस मौसम में हम पूरे शरीर को तो अच्छी तरह से ढक लेते हैं, पर शरीर का एक हिस्सा इन दिनों चलने वाली बर्फीली हवाओं से सर्वाधिक प्रभावित होता है, और वह है हमारी आंखें.

चिकित्सकों के अनुसार, हमारी आंखों के बाहरी भाग पर एक तरल द्रव्य की महीन परत होती है, जो हमारी आंखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होता है.

सर्दियों में लेकिन बर्फीली हवाएं हमारी आंखों के इस टीयर फिल्म को वाष्पित कर देती है, जिसके कारण ड्राई-आई की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इसी वजह से आंखों की रोशनी आंशिक तौर पर प्रभावित होती है, तथा अांखों लगातार दर्द बना रहता है.

फोर्टिस अस्पताल के नेत्ररोग विभाग के अध्यक्ष संजय धवन ने बताया, “सर्दियों में घर से बाहर शुष्क ठंडी हवाओं एवं घर के भीतर शुष्क गर्मी के कारण अमूमन ड्राई-आई सिंड्रोम हो जाता है.”

उन्होंने आगे बताया कि आंखों में नमी की कमी हो जाना आंखों के लिए काफी नुकसानदायक होता है. 50 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं एवं पुरुषों में यह सर्दियों में होने वाली यह एक सामान्य समस्या है.

गुड़गांव स्थित कोलंबिया एशिया अस्पताल के नेत्ररोग विशेषज्ञ किंशुक बिस्वास ने बताया कि आंखों में ड्राई-आई सिंड्रोम कंप्यूटर के लगातार इस्तेमाल से भी हो सकता है.

बिस्वास ने कहा, “जब हम कंप्यूटर के आगे बैठे हो तो हमें अपनी आंखों को कुछ समय अंतराल पर आधे या एक मिनट के लिये बंद कर लेना चाहिए.”

उन्होंने आगे बताया कि इससे बचने के लिए चिकित्सक के परामर्श पर कोई आई ड्रॉप दिन में तीन से चार बार इस्तेमाल करनी चाहिए.”

धवन ने कहा कि लोगों को इस मौसम में अपनी पलकों को किसी गरम कपड़े से कुछ मिनटों के लिए ढंकना चाहिये और साथ ही तरल पेय लेना चाहिए.

अमेरिकी नेत्ररोग संघ के अनुसार, 50 वर्ष से अधिक आयु की लगभग 32 लाख महिलाएं और 17 लाख पुरुष गंभीर ड्राई-आई सिंड्रोम से पीड़ित हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!