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राजनीति में मफलर मैन की वापसी

रायपुर | अन्वेशा गुप्ता: भारतीय राजनीति में मफलर वाले अरविंद केजरीवाल की मंगलवार को वापसी हुई है. 2014 के लोकसभा में आम आदमी पार्टी को केवल 4 सीटें मिलने के बाद से उन्के खात्में की घोषणा कर दी गई थी. इसके बाद से आम आदमी पार्टी ने अपना तमाम ध्यान दिल्ली विधानसभा के चुनावों के लिये केन्द्रित कर राष्ट्रीय राजनीति से अपने को जुदा सा कर लिया था. दिल्ली विधानसभा चुनाव का नतीजा जब मंगलवार को आना शुरु हुआ तो सुबह से ही इसका अंदाज हो गया था कि देश के राजनीति में मफलर वाले केजरीवाल की धमाकेदार वापसी होने वाली है.

लोकसभा चुनाव में भाजपा के बाद दूसरे नंबर पर रही आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 54.3 फीसदी मत प्राप्त करके अपने विरोधियों का मुंह बंद कर दिया. उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कुल 1 अरब 33 लाख 09 हजार 078 मतदाता हैं, इनमें 73,89,089 पुरुष मतदाता और 59,19,127 महिला मतदाता हैं, जबकि 862 ‘थर्ड जेंडर ‘ मतदाता हैं. राष्ट्रीय राजधानी मेंनई विधानसभा गठन के लिए शनिवार को हुए मतदान में रिकार्ड 67.08 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया. जिसमें से आम आदमी पार्टी को 48 लाख 78 हजार 895 मत मिले हैं.

दिल्ली के कुल 1 अरब 33 लाख 09 हजार 078 मतदाताओँ में से आम आदमी पार्टी को 48 लाख 78 हजार 895 मत मिले हैं. यदि प्राप्त मतदान के आकड़ें को देखा जाये तो मतदान करने वालों में से आधे से भी अधिक ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया है.

अपने 49 दिनों के छोटे से कार्यकाल के बाद जन लोकपाल के मुद्दे पर इस्तीफा देने वाले अरविंद केजरीवाल फिर से इस तरह से धमाकेदार वापसी करेंगे यह किसने सोचा था. दरअसल, केजरीवाल को अपने इस्तीफे का खामियाजा लोकसभआ चुनावों में भुगतना पड़ा. करीब 300 सीटों पर लड़कर राष्ट्रीय राजनीति में आने का आम आदमी पार्टी का सपना 2014 के लोकसभा चुनाव में चकनाचूर हो गया था. जाहिर है कि मोदी की आंधी ने मफलर वाले के पतंग को ऐसा झटका दिया कि वह सिमटकर रह गई.

लोकसभा चुनाव में बुरी तरह से हारने के बाद भी आम आदमी पार्टी ने हार नहीं मानी तथा दिल्ली विधानसभा के चुनाव के लिये जुटी रही. आम आदमी पार्टी ने अपने 49 दिनों के कार्यकाल में बिजली का वितरण करने वाले कंपनियों की ऑडिट शुरु करवा दी थी तथा बिजली के बिल यथा संभव कम कर दिया था. इसी के साथ उन्होंने दिल्ली वासियों को पानी मुहैय्या कराना शुरु कर दिया था. अब ऐसा लगता है कि दिल्लीवासी आम आदमी पार्टी के सरकार द्वारा किये गये काम को भूले नहीं है तथा उन्होंने तमाम हाईटेक प्रचार को दरकिनार कर मफलर वाले अरविंद केजरीवाल को स्पष्ट बहुमत दिया है ताकि उन्हें फिर से इस्तीफा न देना पड़े.

दिल्ली के राजनीति में मफलर वाले अरविंद केजरीवाल की वापसी राजनीति में आम जनता से जुड़े हुए मुद्दों की वापसी है जो पिछले कुछ माह से राष्ट्रीय परिदृश्य से गायब से हो गये थे. मफलर वाले केजरीवाल की वापसी के लिये दिल्ली की जनता को धन्यवाद.

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