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विक्रम सिसोदिया और भारत की बदनामी का डर

नई दिल्ली | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के ओएसडी विक्रम सिसोदिया के माथे पर बल पड़े हुये हैं. विक्रम सिसोदिया को भारत की बदनामी की चिंता सता रही है. उन्होंने साफ कहा है कि कोई भी ऐसा काम न हो, जिससे भारत की बदनामी हो.

असल में आस्ट्रेलिया में 4 अप्रैल से शुरु हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के लिये भारतीय टीम गोल्ड कॉस्ट पहुंच चुकी है और भारतीय टीम के शेफ डे मिशन विक्रम सिसोदिया हैं. गोल्ड कोस्ट 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में 71 देशों के 6600 से भी अधिक खिलाड़ी और अधिकारी भाग ले रहे हैं.

भारत की ओर से आरंभिक तौर पर जो सूची भेजी गई थी, उसके अनुसार 222 एथलीट और 106 अधिकारी इस खेल में भाग ले रहे हैं. अधिकारियों में 57 कोच, 19 डाक्टर व फिजियो, 7 मैनेजर और 41 अतिरिक्त अधिकारी शामिल हैं.

लेकिन भारतीय टीम के प्रमुख विक्रम सिसोदिया की परेशानी डोप टेस्ट को लेकर है. दो दिन पहले जहां भारतीय टीम ठहरी है, वहां कुछ सिरिंज मिली थी और इसके बाद चार भारतीय मुक्केबाजों का डोप टेस्ट किया गया है. भारतीय खेल दल का कहना है कि यह रुटीन जांच है लेकिन राष्ट्रमंडल फ़ेडेरेशन के प्रमुख डेविड ग्रेवनबर्ग ने साफ कह दिया है कि यह जांच का विषय है.

इस जांच के बीच विक्रम सिसोदिया ने सभी भारतीय खिलाड़ियों की बैठक बुलाई और उन्हें साफ तौर पर कहा है कि वो कोई ऐसा काम न करें, जिससे भारत की बदनामी हो. उनकी यह चेतावनी कई स्तरों पर है. आम तौर पर डोप के मामले में किसी भी खिलाड़ी की छोटी-सी भी लापरवाही देश के सम्मान पर भारी पड़ जाती है. ऐसे में विक्रम सिसोदिया की चिंता गलत भी नहीं है.

आम तौर पर इस तरह के आयोजनों में सेक्स से जुड़े मुद्दों को लेकर भी विवाद होता रहा है. इस कॉमनवेल्थ गेम्स में भी दुनिया भर से आये एथलीटों के लिए क़रीब एक लाख कंडोम की व्यवस्था की गई है. इस तरह से देखा जाये तो हरेक खिलाड़ी के लिये यहां औसतन 15 कंडोम की व्यवस्था की गई है.

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