छत्तीसगढ़

जब कुली को गमछे से साफ करनी पड़ी थूक

बिलासपुर | संवाददाता: यह कल्पना से परे है कि रेलवे स्टेशन के कोने में थूकने की सजा पीक को पानी से धोने और फिर फर्श को गमछे से पोंछने के तौर पर मिलेगी. वाकया बिलासपुर रेलवे स्टेशन का है. स्टेशन मास्टर ने कुली को थूकते हुए देख लिया, फिर क्या था साफ-सफाई के साथ ही बिल्ला तक छीन लिया गया. कुलियों ने काम बंद हड़ताल शुरू किया, तब जाकर कुली को उसका बिल्ला वापस मिला.

घटना सोमवार की दोपहर की है. कुली विजय भास्कर (बिल्ला नंबर 212) रेलवे स्टेशन के गेट नंबर 3 पर पान खाते हुए खड़े थे. उन्होंने सीढ़ी के किनारे थूक दिया. स्टेशन मास्टर श्री अंसारी इसे देख रहे थे. उन्होंने कुली को फटकार लगाई, फिर पानी लाकर पान की पीक को साफ करने को कहा. इतने में भी जी नहीं भरा तो गीले फर्श को गमछे से पोंछने को कह दिया गया. कुली विजय भास्कर सब कुछ करते गये.

इसके बाद स्टेशन मास्टर ने कुली का बिल्ला ही छीन लिया गया. मंगलवार को मामले की जानकारी अन्य कुलियों को हुई. स्टेशन मास्टर से अनुरोध किया गया कि विजय को उसके किए की सजा मिल चुकी है, लिहाजा बिल्ला वापस किया जाए. स्टेशन मास्टर अब 100 रुपए जुर्माना लेने पर अड़ गए. इसके बाद नाराज कुलियों ने स्टेशन से लेकर डीआरएम कार्यालय तक हंगामा किया. आला अफसरों के हस्तक्षेप के बाद कुली को बिल्ला वापस दिया गया.

एक गलती की दो सजा कैसे
कुली इस बात से नाराज थे कि एक गलती की सजा दो बार कैसे दी जा सकती है. थूकने की सजा पानी और गमछे से सफाई के तौर पर मिली, फिर जुर्माना क्यों मांगा जा रहा है.

परेशान हुए यात्री
स्टेशन मास्टर और कुलियों के बीच विवाद की सजा आम यात्रियों को मिली. मंगलवार को कुलियों ने दोपहर 2 बजे तक हड़ताल किया. मुसाफिरों को भारी-भरकम सामान उठाने के लिए परेशान होते देखा गया.

बेतवा एक्सप्रेस से पर्स पार
कानपुर की ओर से आने वाली बेतवा एक्सप्रेस में कानपुर (उप्र) के कलेक्टर गंज निवासी मंशा जैन टेन के एस-6 में सफर कर रहीं थीं. ट्रेन कटनी पहुंची तो नींद टूटी. उन्हें हैंड बैग गायब मिला. इसमें 30 हजार रुपए नगद, 10 हजार रुपए कीमती मोबाइल और जरूरी दस्तावेज थे. मामले की शिकायत जीआरपी से की गई है.

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