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भारत पेट्रोलिमय समेत 5 कंपनियों में विनिवेश

नई दिल्ली | संवाददाता: मोदी सरकार ने भारत पेट्रोलियम समेत पांच सरकारी कंपनियों के विनिवेश को मंज़ूरी दे दी है. अब इन कंपनियों की हिस्सेदारी किसी को भी बेची जा सकती है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के साथ कंटेनर कॉरपोरेशन (कॉनकॉर), टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीएल), नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (नीपको) और शिपिंग कॉरपरेशन (एससीआई) के विनिवेश को भी मंज़ूरी मिली है.

बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद निर्मला सीतारमण ने कहा कि दो बड़ी कंपनियां, बीपीसीएल की 53.4 % और शिपिंग कॉरपरेशन की 63.5% हिस्सेदारी को बेचेगी. बीपीसीएल में केंद्र की हिस्सेदारी 53.29 फीसदी है.

बैठक में फ़ैसला लिया गया कि विनिवेश प्रक्रिया में नुमालीगढ़ रिफाइनरी में बीपीसीएल की 61 फीसदी हिस्सेदारी शामिल नहीं है. मंत्रिमंडल ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी की हिस्सेदारी को छोड़कर बीपीसीएल में प्रबंधन नियंत्रण सौंपने के साथ रणनीतिक विनिवेश को मंज़ूरी दी है.

कैबिनेट से शेयर हिस्सेदारी को 51 फीसदी से नीचे लाने को मंज़ूरी मिली है. यानि बीपीसीएल के अलावा चार अन्य सरकारी कंपनियों में भी सरकार द्वारा अपने निवेश बेचने के बाद सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से नीचे रह जाएगी.

बीपीसीएल के अलावा शिपिंग कॉरपरेशन यानि भारतीय जहाजरानी निगम के रणनीतिक विनिवेश को भी मंज़ूरी दी गई है. शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में सरकार की 63.75 प्रतिशत की बिक्री और कंटेनर कॉरपोरेशन में 30.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश की भी मंज़ूरी मिली.

मंत्रिमंडल ने कॉनकॉर, टीएचडीसीआईएल में भी प्रबंधन नियंत्रण सौंपने के साथ रणनीतिक विनिवेश को मंज़ूरी दी है. सरकार के पास फिलहाल कॉनकोर में 54.80 फीसदी हिस्सेदारी है. नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) टीएचडीसीआईएल में केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी खरीदेगी. इसके अलावा यह कंपनी नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (नीपको) में भी सरकार की हिस्सेदारी खरीदेगी.

मंत्रिमंडल ने प्रबंधन नियंत्रण को जारी रखते हुए इंडियन ऑयल जैसे चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी को 51 प्रतिशत से कम करने को मंजूरी दी है.

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