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हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की छत्तीसगढ़ में केवल 4,762 टैबलेट?

रायपुर | संवाददाता: दुनिया भर में जिस हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर हंगामा मचा हुआ है, भारत के नौंवे सबसे बड़े राज्य छत्तीसगढ़ में सरकार के पास इसकी केवल 4,762 गोलियां ही बची हैं. राज्य सरकार की एक्शन टेकन रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है.

हालांकि रविवार की दोपहर एक सरकारी अधिकारी ने सीजी खबर को कहा कि एक्शन रिपोर्ट जब बनी थी, तब हालात ऐसी थी लेकिन एक दिन पहले ही राज्य के पास हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की तीन लाख से अधिक गोलियां आ गई हैं.

हालांकि सरकारी अधिकारियों का कहना है कि उनके पास क्लोरोक्वीन की 67 लाख 77 हज़ार 115 गोली उपलब्ध है. जिसका हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की जगह उपयोग किया जा सकता है.

लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की गोली, क्लोरोक्वीन की तुलना में असरकारक भी है और इसके साइड इफेक्ट भी कम हैं.

कुछ दिनों पहले ही छत्तीसगढ़ सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की बिना पर्चे की बिक्री पर रोक लगा दी थी. साथ ही इसकी कालाबाजारी को लेकर भी कार्रवाई की गई थी.

छत्तीसगढ़ में कोरोना से संक्रमण के अभी तक 25 मामले सामने आये हैं, जिनमें 10 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है. इसके अलावा 76,433 लोगों को होम क्वारेंटीन में रखा गया है.

गौरतलब है कि भारत ने 25 मार्च को मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर बैन लगाया था क्योंकि कई जगहों से ऐसी खबरें आ रही थीं कि कोरोना के इलाज में यह दवा कारगर साबित हो रही है.

इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ की मांग दोहराते हुए कहा था कि अगर भारत इस दवा की सप्लाई करता है तो ठीक, वरना वह जवाबी कार्रवाई कर सकता है. इससे पहले रविवार को ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर कहा था कि भारत अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन उपलब्ध कराए.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद भारत ने सोमवार को विटामिन बी1 और बी 12 सहित 24 फार्मा सामग्रियों और दवाओं पर निर्यात प्रतिबंधों में ढील दे दी थी. इसके बाद मंगलवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत ने विश्व समुदाय के हक में दवा के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाने का फ़ैसला किया है.

अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ”कुछ मीडिया संस्थान कोविड-19 से जुड़ी दवाओं और फ़ार्मास्युटिकल्स को लेकर बेवजह विवाद खड़ा कर रहे हैं. किसी भी ज़िम्मेदार सरकार की तरह हम पहले यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे पास अपने लोगों के लिए दवाओं का पर्याप्त स्टॉक हो. इस लिहाज़ से कुछ दवाओं के निर्यात को रोकने के लिए अस्थायी क़दम उठाए गए थे.”

*यह रिपोर्ट 12 अप्रैल को 12:05 PM पर अपडेट की गई है.

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