छत्तीसगढ़रायपुर

पीपीई किट के नाम पर अस्पताल वसूल रहे हर दिन 1500

रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों ने अब अस्पताल में भर्ती सामन्य मरीजों से पीपीई किट और सेनिटाइजेशन का खर्च भी वसूलना शुरु कर दिया है. पीपीई किट के नाम पर मरीजों से 500 से 3000 रुपये तक लिये जा रहे हैं. आईसीयू में भर्ती मरीजों से हर दिन यह रकम वसूली जा रही है.

कुछ अस्पतालों में यह रक़म और अधिक वसूले जाने की ख़बर है. उन मरीज़ों के परिजनों पर दोहरा भार पड़ रहा है, जिनका बीमा है. लेकिन मेडिक्लेम में पीपीई किट जैसे उपकरण शामिल नहीं हैं, इसलिये यह रक़म मरीज़ों को अपनी जेब से भरनी पड़ रही है. ये वो मरीज हैं, जिनमें कोरोना का संक्रमण नहीं है.

कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद से चर्चा में आये पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट यानी पीपीई किट की बाज़ार में उपयोगिता के लिहाज से अलग-अलग क़ीमत है. कोरोना से बचाव के लिये छत्तीसगढ़ के सरकारी चिकित्सकों और दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों ने जिस पीपीई किट का उपयोग शुरु किया था, उसकी क़ीमत 1071 रुपये थी. बाज़ार में पीपीई किट की न्यूनतम कीमत 600 रुपये है.

आम तौर पर पीपीई किट का तीन बार उपयोग किया जा सकता है.

लेकिन छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे आईसीयू में भर्ती मरीज़ों को जो चिकित्सक देखने जा रहे हैं, उन मरीज़ों से हर दिन 1500 रुपये वसूले जा रहे हैं. जनरल वार्ड में भर्ती मरीजों से 500 रुपये पीपीई किट चार्ज के नाम पर वसूले जा रहे हैं.

कुछ मरीजों के परिजनों ने कहा कि किसी भी अस्पताल में डॉक्टर की शिफ्ट 6 से 8 घंटे की होती है और शिफ्ट के दौरान डॉक्टर वही एक सूट पहनकर जितने भी मरीज़ हैं, उन सबको देखता है. ऐसे में हर मरीज से 1500 रुपये तक की रक़म वसूलना ग़लत है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!