कलारचना

नेहरू या जिन्ना का चरित्र निभाना चाहते हैं टॉम आल्टर

नेहरू या जिन्ना का चरित्र निभाना चाहते हैं टॉम आल्टर

नई दिल्ली | एजेंसी: अभिनेता टॉम आल्टर बड़ी आसानी से बड़े पर्दे पर सरदार पटेल और लॉर्ड माउंटबेटन जैसे दो विपरीत ऐतिहासिक चरित्रों को साकार कर चुके हैं. उन्होंने नाटकों में उर्दू कवि साहिर लुधियानवी और मौलाना आजाद का चरित्र भी जीया है. लेकिन आल्टर को उनके पश्चिमी रंग-रूप की वजह से फिरंगी ही समझा जाता रहा है. वैसे वह खुद को भारतीय बताते हैं और उनकी ख्वाहिश है कि उन्हें किसी फिल्म या नाटक में जवाहर लाल नेहरू या मुहम्मद अली जिन्ना का चरित्र निभाने को मिले.

आल्टर ने एक साक्षात्कार में आईएएनएस को बताया, “जिन्ना हालांकि बेहद विवादित चरित्र हैं, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि उनके जीवन से भी कुछ न कुछ सीखा जा सकता है. वह कट्टरपंथी क्यों हो गए, कोई नहीं जानता. यदि हम इस बात का पता लगा पाएं तो कोई न कोई प्रेरणादायक बात हमें जरूर मिलेगी.”

उन्होंने कहा, “मैंने बहुत से चरित्र निभाए हैं, लेकिन मंच पर नेहरू या जिन्ना का चरित्र निभाना रोमांचकारी होगा. हमने कभी इन लोगों के जीवन को जानने की कोशिश नहीं की.”

आल्टर की अभिनय यात्रा की शुरुआत राजेश खन्ना की फिल्म ‘आराधना’ से हुई. 19 वर्षीय स्कूली शिक्षक टॉम आल्टर राजेश खन्ना के अभिनय से इतने प्रभावित हुए कि सब कुछ छोड़कर फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) में दाखिला ले लिया.

आल्टर की पहली फिल्म ‘चरस’ थी. वह एफटीआईआई के गोल्ड मेडलिस्ट थे और भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान भी पा चुके हैं. सत्यजीत रे की फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में कैप्टन वेस्टन की भूमिका के लिए उन्हें विशेष तौर पर याद किया जाता है.

अभिनय से बेइंतहा लगाव और जुनून के बावजूद आल्टर बॉलीवुड की चमक-दमक से दूर ही रहे. उन्होंने अपने कला-कौशल को थियेटर, लेखन और टेलिविजन तक ही सीमित रखा.

अपने तीन दशकों के करियर में आल्टर ने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, तीन किताबें लिखीं और अब भी थियेटर के क्षेत्र में सक्रिय हैं.

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