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काले धन पर 120% टैक्स

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: विदेशों में छुपाये गये काले धन पर 120 फीसदी कर देना पड़ेगा. जिसमें 30 फीसदी कर तथा 90 फीसदी जुर्माना होगा. यदि विदेशों में छुपाये गये काले धन को नियत समय में घोषित कर दिया जाता है तो उस पर 30 फीसदी कर तथा 30 फीसदी जुर्माना देना पड़ेगा. इस आशय का विधेयक बुधवार को संसद द्वारा पास कर दिया गया है. अघोषित विदेशी आय और संपत्ति विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया. दो दिन पहले यह लोकसभा में भी पारित हो चुका था. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में विधेयक पेश करते हुए कहा कि इस कानून के जरिए पहली बार विदेशों में रखी गई भारतीय संपत्ति पर देश में कर लगाया जाएगा.

जेटली ने बहस का जवाब देते हुए कहा, “इस विधेयक का देश में जमा काले धन से कोई संबंध नहीं है.”

जेटली ने कहा कि विदेशों में रखी गई अघोषित संपत्तियों को सफेद बनाने के लिए एक निश्चित अवधि का मौका दिया जाएगा, जिस दौरान संपत्ति घोषित किए जाने पर उस पर 30 फीसदी कर और अतिरिक्त 30 फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा.

उन्होंने साथ ही कहा कि यदि इस दौरान संपत्ति की घोषणा नहीं की जाती है और बाद में उसका पता चलता है तो उसपर 30 फीसदी कर के अलावा 90 फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा, जिससे प्रभावी कर 120 फीसदी हो जाएगा.

इस विधेयक में मुजरिमों को तीन से 10 साल के सश्रम कारावास की भी व्यवस्था है.

जेटली ने कहा कि जी-20 देशों द्वारा मौद्रिक लेन-देन की सूचना का स्वत:स्फूर्त आदान-प्रदान करने की पहल में भारत ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है.

जेटली ने राज्यसभा में कहा, “यदि आप निश्चित समय सीमा के भीतर संपत्ति की घोषणा नहीं करते, तो समय सीमा आगे निकल जाएगी. 2017 तक सूचनाओं का आदान-प्रदान होने लगेगा.”

उन्होंने कहा, “दुनिया टैक्स हैवेन को गुपचुप तरीके से चलते रहने के लिए अधिक समय तक बर्दाश्त नहीं कर सकती.”

गत वर्ष नवंबर में जी-20 ब्रिसबेन शिखर सम्मेलन में नेताओं ने एक नई वैश्विक पारदर्शिता व्यवस्था अपनाई है, जिसके तहत 90 से अधिक देश 2017-18 तक कर-सूचनाओं का स्वत: आदान-प्रदान करने लगेंगे.

जेटली ने गत सप्ताह संसद में कहा था कि काले धन के आकार के बारे में सरकार तीन संस्थानों की रपट का अध्ययन कर रही है.

अनाधिकारिक अनुमान के मुताबिक, देश का 466 अरब डॉलर से लेकर 1,400 अरब डॉलर तक का काला धन अवैध तौर पर विदेशी बैंकों में जमा रखा गया है.

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