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क्या दिल्ली में पोस्टर लगाना गुनाह है ?

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: दिल्ली में पोस्टर लगाने के आरोप में आप कार्यकर्ता गिरफ्तार. सोमवार को आप के कार्यकर्ता आगामी रैली के मद्देनजर पोस्टर चिपका रहे थे, लेकिन उन्हें कथित तौर पर सार्वजनिक संपत्ति का सौंदर्य बिगाड़ने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, आप का दावा है कि पोस्टर चिपकाना कोई ‘अपराध’ नहीं है.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आप कार्यकर्ताओं-राजेश कुमार, गुलशन, दीपक और राजेंद्र कुमार के खिलाफ दिल्ली संपत्ति विरूपण रोकथाम अधिनियम, 2007 के तहत मामला दर्ज किया गया है. कार्यकर्ताओं की उम्र 20-30 के बीच है.

आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता राष्ट्रीय राजधानी में फिर से विधानसभा चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर तीन अगस्त को जंतर-मंतर पर होने वाली रैली के मद्देनजर पोस्टर चिपका रहे थे.

केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, “पुलिस ने इन पोस्टरों को आपत्तिजनक पाया और आप के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. भारतीय जनता पार्टी घबराई हुई है और पुलिस का गलत इस्तेमाल कर रही है.”

आप के एक अन्य नेता ने कहा, “अन्य पार्टियां भी पोस्टर भी चिपकाती हैं, लेकिन पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं करती?”

वहीं, पुलिस का कहना है कि आप कार्यकर्ता पार्टी की रैली के मद्देनजर सोमवार को दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में प्रतिबंधित क्षेत्र में पोस्टर चिपकाते पाए गए.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “उन्हें प्रतिबंधित क्षेत्र में पोस्टर चिपकाते हुए पाया गया, जिसके बाद इलाके में गश्त कर रही पुलिस टीम उन्हें थाने ले गई, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.”

पुलिस का कहना है कि कार्यकर्ता एक कार में सवार थे, जिस पर पोस्टर लगा हुआ था. इससे सवाल उठता है कि अन्य पार्टियों को पोस्टर लगाने के जुर्म में क्या कभी दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है. राजनीतिक पर्यवेक्षक सारे मामले को दिल्ली विधानसभा के चुनाव से जोड़कर देख रहें हैं.

यदि दिल्ली की बात की जाये तो महिलाओं पर होने वाले अत्याचार को रोकने के लिये दिल्ली पुलिस इतनी तत्परता कभी नहीं दिखाती है. इससे सवाल उठता है कि मात्र पोस्टर लगाने के लिये क्या आप कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है.

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