राष्ट्र

दबाव के बाद छाओं का निलंबन रद्द

हैदराबाद | समाचार डेस्क: देशभर से उठते विरोध के स्वर के बीच हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने दलित छात्रों का निलंबन रद्द कर दिया है. उल्लेखनीय है कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी के इसी निलंबन के चलते दलित शोध छात्र रोहित वेमुला ने खुदकुशी कर ली थी. हैदराबाद विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने गुरुवार को चार दलित शोध छात्रों का निलंबन रद्द कर दिया. उधर, दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले में छात्रों का प्रदर्शन गुरुवार को पांचवें दिन भी जारी रहा. रोहित को भी चार छात्रों के साथ निलंबित किया गया था और छात्रावास से निष्कासित किया गया था.

परिसर में छात्रों को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि रोहित की आत्महत्या के मामले में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय को मंत्री पद से हटाया जाए.

उधर, विश्वविद्यालय के अनुसूचित जाति-जनजाति से ताल्लुक रखने वाले 10 शिक्षकों ने स्मृति पर गुमराह करने वाला बयान देने का आरोप लगाते हुए अपने प्रशासनिक पदों को त्याग दिया.

दबाव के बीच विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने चार छात्रों के निलंबन को रद्द कर दिया.

विश्वविद्यालय के एक बयान में कहा गया है, “विश्वविद्यालय में बने असाधारण हालात को देखने और मुद्दे पर विस्तार में चर्चा करने के बाद, छात्रों पर लगाए गए दंड को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का फैसला किया गया.”

रोहित समेत पांच छात्रों को बीते साल नवंबर में कार्यकारी परिषद की एक उप समिति ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक नेता से कथित संघर्ष के आरोप में निलंबित किया था.

बयान में कहा गया है कि कुलपति अप्पाराव ने विश्वविद्यालय समुदाय से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि मुद्दे को हल करने के लिए आंतरिक तंत्र पर विश्वास बनाए रखें.

विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने स्मृति ईरानी के बुधवार के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा कि पांच छात्रों का निष्कासन करने वाली समिति की अध्यक्षता एक दलित ने की थी.

स्मृति ईरानी के इस बयान से नाराज अनुसूचित जाति/जनजाति के 10 शिक्षकों ने अपना प्रशासनिक पद छोड़ दिया और छात्रों के आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया.

अनुसूचित जाति/जनजाति के शिक्षकों एवं अधिकारियों के मंच ने स्मृति के बयान को गलत करार देते हुए कहा कि भौतिकी के प्रोफेसर विपिन श्रीवास्तव ने छह सदस्यीय समिति की अध्यक्षता की थी, न कि एक दलित ने, जैसा कि मंत्री ने दावा किया है.

स्मृति ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा था कि छात्रावास के जिस वार्डन ने पांचों छात्रों को निष्कासित किया था, वह भी दलित थे.

इस पर मंच ने कहा कि वार्डन के पास छात्र को निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं होता. उन्होंने केवल अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेश का पालन किया.

इस बीच, छात्रों का प्रदर्शन जारी है. सात छात्र भूख हड़ताल पर बैठे हैं, जबकि कुछ ने स्मृति के बयान की निंदा करते हुए उनका पुतला भी फूंका.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हैदराबाद विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रोहित वेमुला की मौत के मामले में ‘जाति की राजनीति करने के लिए’ मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को देश से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मामले की प्राथमिकी में स्मृति का भी नाम जोड़ा जाए.

केजरीवाल ने आंदोलनकारी छात्रों की तालियों के बीच कहा, “कुलपति को तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए.”

केजरीवाल ने खासकर केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय को घटना के लिए दोषी बताया. उन्होंने कहा “यह शर्म की बात है कि जिम्मेदार केंद्रीय मंत्री ने तथ्यों को जाने बिना अंबेडकर छात्र संगठन को जातिवादी और राष्ट्र विरोधी बता दिया, जिसका वेमुला सदस्य था.”

दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने दत्तात्रेय की गिरफ्तारी की मांग की.

भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय को दत्तात्रेय द्वारा पत्र भेजने के मामले की जांच की मांग की.

उन्होंने कहा कि मामले की जांच निष्पक्ष एजेंसी करे और रोहित को खुदकुशी तक खींच लाने वाले दोषी को बख्शा न जाए, चाहे वह कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो.

नई दिल्ली में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले में केंद्र सरकार का रुख उसके ‘दलित विरोधी’ रवैये को दर्शाता है. कांग्रेस ने स्मृति ईरानी के इस्तीफे की मांग की.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “स्मृति ईरानी और भाजपा ने वेमुला की मौत को उचित ठहराने की कोशिश की, जो उनके दलित विरोधी रवैये को दर्शाता है.”

उन्होंने कहा कि माफी मांगने व अपनी गलती को सुधारने के बजाय भाजपा तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय उन लोगों के पक्ष में उतर आया, जिन्होंने वेमुला को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया.

उन्होंने कहा कि दत्तात्रेय के जिस पत्र से पांचों छात्रों के निलंबन का मानव संसाधन विकास मंत्रालय पर दबाव पड़ा, उसे भी बाहर निकाल कर लाना चाहिए.

भाजपा ने कांग्रेस पर यह कहकर पलटवार किया कि देश में होने वाली किसी भी अनचाही घटना को पार्टी या तो सांप्रदायिक रंग दे देती है या जातिवादी. भाजपा ने यह भी पूछा कि हैदराबाद का दौरा करने वाले केजरीवाल दिल्ली में डेंगू के शिकार किसी भी परिवार से मिलने क्यों नहीं गए थे. आम आदमी पार्टी यूपी-बिहार में कानून व्यवस्था पर चुप रहती है. लेकिन, उस मामले में केंद्र को जिम्मेदार बताती है जिनके लिए केंद्र जिम्मेदार नहीं होता. यह उनकी बेईमानी को दर्शाता है.

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