राष्ट्र

विरोध के बाद रेलवे ने दिया स्पष्टीकरण

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: रेल किराये में बढ़ोतरी के खिलाफ शनिवार को हो रहे देशव्यापी विरोध के बाद रेलवे ने अपना स्पष्टीकरण पेश किया है. गौरतलब है कि शुक्रवार को रेल किराये में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों ने बयान जारी कर इसका विरोध किया था. शनिवार को अन्य कई संगठनों ने सड़कों पर उतर कर इसका विरोध करना शुरु कर दिया.

रेल मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया है कि “पिछली सरकार द्वारा अंतिम रूप दिए गए यात्री किराये और माल-भाड़े में संशोधन के आदेश को ही जारी किया गया है. इस आदेश में यात्री किराये में केवल 10 प्रतिशत की बढ़ोत्‍तरी और माल-भाड़े में 5 प्रतिशत बढ़ोत्‍तरी की गई है.”

रेल मंत्रालय ने आगे स्पष्टीकरण दिया है कि “यात्री किराये में 14.2 प्रतिशत बढ़ोत्‍तरी और माल-भाड़े में 6.5 प्रतिशत की बढ़ोत्‍तरी में ईंधन समायोजन घटक, एफएसी 4.2 प्रतिशत यात्री किराये में और लगभग 1.5 प्रतिशत माल-भाड़े में है, इसे 6 महीने में किये जाने का नियम है. ”

रेल मंत्रालय ने कहा है कि “ईंधन समायोजन घटक, डीजल और पेट्रोल के खुदरा मूल्‍य के समान तेल के मूल्‍यों में उतार-चढ़ाव पर निर्भर होते हैं. अगर तेल मूल्‍यों में कमी होती है तो तेल के मूल्‍यों में उतार-चढ़ाव के कारण पड़ रहे अतिरिक्‍त भार की समीक्षा की जाती है. ”

गौरतलब है कि पिछली सरकार द्वारा ईंधन समायोजन घटक से संबंधित समीक्षा पहले ही दो बार की जा चुकी है. अंतिम बार इसे अक्‍तूबर, 2013 में किया गया था.

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