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अमरीका में सुरक्षित नही राजनयिक

वाशिंगटन | समाचार डेस्क: भारत के उप महावाणिज्य दूत के अमरीका में गिरफ्तारी ने दोनों देशों के बीच राजनयिक तनातनी बढ़ा दी है. गौर तलब है कि अमरीका में भारतीय राजनयिक देव्यानी खोब्रागेड को गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा कर दिया गया है लेकिन इससे नये सवाल उठ खड़े हुएं हैं. सवाल उठता है कि क्या किसी देश के राजनयिक को इस प्रकार से गिरफ्तार किया जा सकता है. इससे अमरीका में विदेशी राजनयिकों के सुरक्षा पर सवाल उठ खड़े हुएं हैं.

भारतीय विदेश सचिव सुजाता सिंह ने दिल्ली में अमरीकी राजदूत नैंसी पॉवेल के सामने खोब्रागेड के साथ हुए बर्ताव का मुद्दा मजबूती से उठाया है. भारतीय उप महावाणिज्यदूत खोब्रागेड को वीजा धोखाधड़ी और झूठा बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. आरोप साबित हो जाने पर उन्हें दोनों मामलों में क्रमश: 10 और पांच साल कारावास की सजा हो सकती है. मैनहटन फेडरल कोर्ट ने उनको 250,000 डॉलर की जमानत पर रिहा कर दिया.

दूतावास के मुताबिक, संधू ने कहा कि खोब्रागेड एक राजनयिक हैं, वह अमरीका में अपने काम को लेकर हैं और एक राजनयिक होने के नाते वहां शालीन व्यवहार की हकदार हैं. वक्तव्य के मुताबिक, “वह दो छोटे बच्चों की मां हैं. अमरीकी प्रशासन द्वारा उनके अपमान से भारत हैरान और दुखी है.” संधू ने यह भी कहा है कि इस तरह का व्यवहार नहीं स्वीकारा जाएगा और अमरीकी विदेश मंत्रालय इस मुद्दे को जल्द सुलझाए.

सवाल यह नही है कि देव्यानी खोब्रागेड को राजनयिक सुरक्षा प्राप्त है या नही. सवाल है कि भारतीय राजनयिक अमरीका में सुरक्षित हैं कि नहीं. यह कैसे संभव हो गया कि भारत सरकार को सूचना दिये बगैर उसके राजनयिक को गिरफ्तार कर लिया गया. दुनिया भर में स्वतंत्रता तथा स्वाधीनता का ढोल पीटने वाले अमरीका की पोल खुल गई है.

एक तरफ तो अमरीका की नजर भारत के विशाल बाजार पर है जिसके लिये वह अपने निवेश पर हर तरह के सुरक्षा की मांग करता है वहीं दूसरी तरफ भारतीय राजनयिकों के साथ अमरीका में दुर्व्यवहार किया जाता है. इससे दोनों देशों के बीच तनाव ही बढ़ने जा रहा है न कि दोस्ती.

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