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हिरोशिमा 68 साल पहले हुआ था मौन

नई दिल्ली । एजेंसी: 6 अगस्त के ही दिन 68 वर्ष पहले हिरोशिमा पर दुनिया का पहला परमाणु बम अमरीका ने गिराया था. 6 अगस्त 1945 को 68 साल पहले आज ही के दिन अमेरिका ने दुश्मनी का सबसे क्रूरतम उदाहरण पेश किया था. अमरीका के इस कृत्य से संपूर्ण मानवता आज भी स्तब्ध है.

इस परमाणु हमले का कोडनेम लिटिल ब्वॉय था, लेकिन यह लिटिल ब्वॉय जापान और इंसानियत को बड़ी गहरी चोट दे गया. लिटिल ब्वॉय को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका के मैनहट्टन प्रोजेक्ट के तहत लॉस अलामोस में तैयार किया गया था. अमेरिकी बमवर्षक विमान बी-29 ने जमीन से तकरीबन 31000 फीट की ऊंचाई से परमाणु बम गिरा दिया. इसके बाद तो सब इतिहास है. यह घटना मानव इतिहास में काले अक्षरों से लिखी गई.

तकरीबन 4000 किग्रा वजनी इस बम की लंबाई तीन मीटर और व्यास 71 सेंटीमीटर तक था. इस बम ने अपनी विस्फोटक क्षमता यूरेनियम -235 की नाभिकीय विखंडन प्रक्रिया से हासिल कर ली थी. इसकी विध्वंसक क्षमता 13-18 किलोटन टीएनटी (ट्राइनाइट्रोटालुइन) के बराबर थी.

उस समय जापान में मरने वालों की आधिकारिक संख्या 1,18,661 बताई, लेकिन बाद में हिरोशिमा में कुल तीन लाख 50 हजार की आबादी में से एक लाख 40 हजार लोग मारे गए थे. 70 हजार लोग बम के गिरते ही तुरंत काल के गाल में समा गए. वहीं, 70 हजार रेडिएशन से पीड़ित साल 1950 तक मारे गए

जापान आज मौन है. हर किसी के चेहरे पर खामोशी छाई है और आंखें नम हैं. इसकी वजह है आज ही के दिन 68 वर्ष पहले अमेरिका ने जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए थे. इसमें लाखों की तादात में लोगों की जान गई थी. यह सदी की सबसे बड़ी बड़ी घटना थी. मंगलवार को इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों ने एकत्रित होकर पीस मैमोरियल पार्क में इस हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर जापान में नियुक्त अमेरिकी राजदूत भी मौजूद थे.

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