कलारचना

अमिताभ ने सिनेमा को कहा ‘Fevicol’

काहिरा | मनोरंजन डेस्क: अमिताभ बच्चन ने सिनेमा को उस ‘फेविकोल’ की संज्ञा दी है जो दो देशों के संस्कृतियों को जोड़ता है. भारत में मिस्त्र से पर्यटन बढ़ाने के उद्देश्य से काहिरा में आयोजित की गई ‘इंडिया बाई द नील’ फिल्मोत्सव में अमिताभ ने याद दिलाया कि मिस्त्र, नील नदी के किनारे तथा भारत, गंगा नदी के किनारे पर बसा है. यह समानता दोनों देशों को करीब लाती है. अमिताभ ने कहा कि सिनेमा देखते समय लोग भूल जाते हैं कि उनके बगल में बैठा व्यक्ति किस धर्म से ताल्लुक रखता है. सभी दर्शक बनकर फिल्म का लुफ्त उठाते हैं. उन्होंने कहा कि बीते वर्षो में हिंदी फिल्में भारत और मिस्र की ऐतिहासिक संस्कृति को और करीब लाई हैं.

अमिताभ यहां सोमवार को ‘इंडिया बाई द नील’ फिल्मोत्सव के उद्घाटन मौके पर मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि दोनों देशों ने हमेशा ही अच्छे संबंधों का लुत्फ उठाया है. इस रिश्ते को सिनेमा ने मजबूत किया है.

अमिताभ ने कहा, “सिनेमा एक कमाल का फेविकोल है. फिल्में हमें साथ में हंसने और रोने का मौका देती हैं. हम जब एक फिल्म देखने सिनेमाघर जाते हैं, तो हम हमारी बगल में बैठे व्यक्ति का धर्म या जाति नहीं पूछते.”

मिस्र में भी अमिताभ के अच्छे खासे प्रशंसक हैं.

इंडिया बाइ द नील का आयोजन भारतीय दूतावास मिस्र के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय के साथ ही काहिरा ओपेरा हाउस के साथ मिलकर कर रहा है. यह इसका तीसरा संस्करण है.

बिग बी ने कहा कि 30 मार्च से 17 अप्रैल तक चलने वाला फिल्मोत्सव भारतीय और मिस्र की संस्कृति को साथ लाने का एक मौका है.

उन्होंने कहा, “हमारी एक ऐतिहासिक विरासत रही है, क्योंकि दोनों ही देशों की सभ्यताएं दो नदियों-गंगा और नील के किनारे पनपी हैं.”

अमिताभ ने कहा, “यह चीज फिल्मोद्योग के लिए गजब की है.”

उन्होंने मिस्र के पर्यटन उद्योग के बारे में कहा कि अब चीजें सुधरनी शुरू हो गई हैं.

महानायक ने कहा, “मिस्र अपने समृद्ध इतिहास के चलते पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण जगह है. अब यहां चीजें ढर्रे पर आने लगी हैं.”

अमिताभ को उम्मीद है कि निकट भविष्य में ज्यादा से ज्यादा भारतीय पर्यटक मिस्र की ओर आकर्षित होंगे.

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