कला

गीत चोरी के आरोप में फंसे बाबा रामदेव

इलाहाबाद | संवाददाता: बाबा रामदेव अभी चंदन की लकड़ियों की तस्करी के आरोप से उबरे भी नहीं हैं कि उन पर अब गीत चोरी का आरोप लगा है. बाबा रामदेव को इसके लिये बजाप्ता कानूनी नोटिस भी भेज दी गई है और एक करोड़ का दावा भी किया गया है.

आरोप है कि बाबा रामदेव और उनके साथी ने इलाहाबाद के सुप्रसिद्ध कवि यश मालवीय का गीत चुरा लिया और उस गीत का उपयोग अपना उत्पाद बेचने के लिये कर रहे हैं. यह गीत बाबा रामदेव ने खुद गाया है.

यश मालवीय देश के जाने-माने कवि और गीतकार हैं. इसके अलावा सामाजिक आंदोलनों में भी उनकी भूमिका रही है. उनके गीत दुनिया भर में चर्चित रहे हैं लेकिन इस बार बाबा रामदेव ने बिना उनकी अनुमति के उनका गीत न केवल गाया, बल्कि अब उसका उपयोग अपने उत्पाद बेचने में कर रहे हैं. गीत के बोल हैं-
समय की मार सह लेना, नहीं रुकना मेरे साथी,
समय की मार सह लेना, नहीं रुकना मेरे साथी.

ये काले सांप पैरों से लिपटते हैं, लिपटने दो,
ये खारे टीस आँखों में सिमटते हैं, सिमटने दो,
ज़ेहन में आग की लपटें उठा लेना….मेरे साथी
समय की मार सह लेना, नहीं रुकना मेरे साथी.

यश मालवीय का कहना है कि उन्होंने यह गीत नई आजादी के प्रणेता बनवारी लाल शर्मा के लिए 1991 में लिखा था. बाद में यह गीत 1992 में प्रकाशित भी हुआ और दारागंज की एक म्यूजिक कंपनी ने कैसेट भी रिलीज किया था. यह गीत बरसों से यू-ट्यूब पर भी उपलब्ध है. लेकिन बिना यश मालवीय की अनुमति के बाबा रामदेव अपने विज्ञापनों में इस गीत का उपयोग कर रहे हैं.

बाबा राम देव द्वारा गीत की चोरी से नाराज़ यश मालवीय ने अपने अधिवक्ता केके राय की ओर से बाबा रामदेव और उनकी कंपनी को 32 पेज का कानूनी नोटिस भेजा है और इस मामले में एक करोड़ रुपये का दावा भी किया गया है.

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