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बस्तर में हवाई सेवा बंद

जगदलपुर | संवाददाता: बस्तर में हवाई सेवा ने महीने भर से पहले ही दम तोड़ दिया है. इस महत्वाकांक्षी सेवा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने की 15 तारीख को किया था.

शुक्रवार को हवाई सेवा का संचालन करने वाली कंपनी ने कहा कि उनके पास जो हवाई जहाज है, उसका लैंडिंग गेयर बदलना है. कंपनी के पास कोई दूसरा विमान नहीं है. इस कारण 9 जुलाई से 21 जुलाई तक रायपुर से बस्तर की हवाई सेवा बंद रहेगी. कंपनी के इस विमान के बंद होने के साथ ही बस्तर में हवाई यात्रा बंद हो चुकी है.

बस्तर में विमान सेवा के हाल का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि उद्धाटन के अगले ही दिन जगदलपुर से विशाखापटनम की सेवा रद्द कर दी गई क्योंकि विमानन सेवा का संचालन करने वाली कंपनी ने विशाखापटनम हवाई अड्डे पर विमान उतारने संबंधी औपचारिकता ही नहीं की थी.

बस्तर में 1988 में हवाई सेवा की शुरुआत तत्कालीन उड्डयन मंत्री मोतीलाल वोरा ने की थी. लेकिन यह सेवा शुरु होने के कुछ दिनों के भीतर ही बंद हो गई. लेकिन पिछले दो सालों से हवाई यात्रा को लेकर शुरु की गई सरकार की कोशिशों से अनुमान था कि बस्तर की हवाई सेवा को लेकर सरकार गंभीर है.

सितंबर 2016 में भी छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्रालय से समझौता किया था कि बिलासपुर, अंबिकापुर, रायगढ़ और जगदलपुर के रन-वे को डेवलप कर यहां से अप्रैल 2017 से घरेलू और कामर्शियल हवाईसेवा शुरू की जाएगी. लेकिन केंद्र और राज्य दोनों ही जगहों में भाजपा की सरकार होने के बाद भी इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो पाई. बस्तर में हवाई सेवा शुरु होने के बाद लोगों को बहुत उम्मीदें जगी थीं. लेकिन अब सारी उम्मीदें धरी रह गई हैं.

उद्घाटन में 14 जून 2018 को प्रधानमंत्री ने क्या कहा था
कई वर्षों में हिन्दुस्तान में जब बस्तर की बात आती थी, तो पंप, बंदूक, पिस्तौल और हिंसा की बात आती थी, आज बस्तर की बात जगदलपुर के हवाई अडडे से जुड़ गई है.

मेरा सपना है हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में जा सके इस सोच के साथ उड़ान योजना चलाई जा रही है. और देश भर में नए हवाई अड्डों का निर्माण किया जा रहा है. ऐसा ही एक शानदार हवाई अड्डा आपके जगदलपुर में बना रहे हैं. आज जगदलपुर से रायपुर के लिए उड़ान भी शुरू हो गई है. अब जगदलपुर से रायपुर की दुसरी यानी रायपुर और जगदलपुर के बीच की दूरी छ: से सात घंटे की जगह सिर्फ 40 मिनट रह गई है.

ये सरकार की नीतियों का ही असर है कि अब ट्रेन में एसी डिब्बों में सफर करने वालों से ज्यादा यात्री हवाई जहाज में सफर कर रहे हैं. एक जमाने में रायपुर में तो दिनभर में सिर्फ छ: फ्लाइट आती थी. अब वहां रायपुर एयरपोर्ट पर एक दिन में पचास फ्लाइट आने जाने लग गई हैं. आने-जाने के इन नए साधनों से न सिर्फ राजधानी से दूरी घटेगी लेकिन पर्यटन बढ़ेगा, उद्योग धंधे लगेगे और साथ ही साथ रोजगार के नए अवसर भी तैयार होंगे.

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