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अवैध है बीसीसीआई की जांच समिति

मुम्बई | एजेंसी : बंबई उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई के दो सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट को मंगलवार को खारिज कर दिया है.

उक्त रिपोर्ट ने पूर्व बोर्ड अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स टीम के सहमालिक राज कुंद्रा को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सट्टेबाजी के मामले में आरोपमुक्त कर दिया था.

उल्लेखनीय है कि इस मामले की जांच कर रही बोर्ड की दो सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में मयप्पन और कुंद्रा को रविवार को क्लीन चिट दे दी थी. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मुम्बई पुलिस द्वारा मयप्पन की गिरफ्तारी से यह साबित नहीं होता कि इंडिया सीमेंट्स कम्पनी किसी भी हाल में इस मामले में संलिप्त है.

समिति की रिपोर्ट आने के बाद बीसीसीआई अधिकारियों में से किसी ने इसे लेकर कुछ नहीं कहा लेकिन पूर्व अध्यक्ष आईएस बिंद्रा ने कहा कि समिति में शामिल सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर. बालासुब्रमण्यन और जयराम टी. चौटा इस काम के लिए उपयुक्त नहीं थे क्योंकि ये पी. रमन के करीबी हैं. रमन को मयप्पन के वकील के तौर पर जाना जाता है.

खेल मंत्रालय ने भी आनन-फानन में रिपोर्ट पेश किए जाने और दो अधिकारियों को आरोपमुक्त करार दिए जाने की आलोचना की थी. मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि बोर्ड को पुलिस जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था. खेल सचिव पीके देब ने कहा था, “बोर्ड इन दो लोगों को क्लीन चिट दे सकता है लेकिन उसे किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले पुलिस जांच के पूरा होने का इंतजार करना चाहिए.”

राजस्थान रॉयल्स टीम के तीन खिलाड़ियों के स्पॉट फिक्सिंग मामले में गिरफ्तार होने के बाद आईपीएल-6 के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे हुए थे. इसमें से एक खुलासा श्रीनिवासन के दामाद और सुपर किंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयप्पन और कुंद्रा द्वारा आईपीएल मैचों पर सट्टा लगाना भी शामिल था.

याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर वकीलों वीरेंद्र तुलजापुरकर और बीरेंद्र सराफ के साथ पैरवी करने वाले एडवोकेट अमित नाईक ने कहा, ‘‘हम कामयाब हुए हैं और अदालत ने हमारी दलील स्वीकार कर ली. अब बीसीसीआई को तय करना है कि आगे क्या करना है.’’

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