पास-पड़ोस

मप्र में कांग्रेस को भाजपाई झटका

भोपाल | एजेंसी: मध्य प्रदेश में कांग्रेस चाहकर भी संभल नहीं पा रही है. वह जब भी संभलने की कोशिश करती है, भारतीय जनता पार्टी के हाथ कोई न कोई विभीषण हाथ लग जाता है. भिंड संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार डॉ. भागीरथ प्रसाद का पाला बदल कराकर भाजपा ने कांग्रेस को ऐसा झटका दिया है, जिसका असर लोकसभा चुनाव में नजर आने वाला है.

भाजपा ने कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार डॉ. प्रसाद को अपने कुनबे में शामिल कर लिया है. उनके नाम का ऐलान शनिवार को हुआ था.

डॉ. प्रसाद भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और उनकी राज्य में एक साफ-सुथरे प्रशासक की छवि रही है. इतना ही नहीं, उन्हें दलितों का प्रतिनिधि भी माना जाता है. वे पिछले एक दशक से समाजसेवा का कार्य कर रहे हैं, पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़कर हारे थे.

इस तरह भाजपा ने डॉ. प्रसाद का पाला बदल कराकर जहां कांग्रेस को झटका दिया है, वहीं दूसरी ओर दलित वोट बैंक पर कब्जा करने का मौका भी पाया है.

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर डॉ. प्रसाद के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने को सामान्य घटना करार देते हुए कहते हैं कि चुनाव से पहले इस तरह की परिस्थितियां बनती हैं. डॉ. प्रसाद अच्छे प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं और उनसे काफी समय से बातचीत भी चल रही थी. पार्टी उनकी योग्यता व अनुभव का बेहतर इस्तेमाल करेगी.

वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने डॉ. प्रसाद के भाजपा पर जाने पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि डॉ. प्रसाद और भाजपा में कोई सौदा हुआ है और उसी के चलते वे भाजपा में गए है. उन्होंने पार्टी को धोखा दिया है.

राज्य की सत्ता में फिर से आई भाजपा ने बीते 10 वर्ष में जीत के मंत्र को सिद्ध करने में महारथ हासिल कर ली है, वह उस हुनर में माहिर हो गई है, जो राजनीतिक दल की सफलता के लिए जरूरी है.

भाजपा की कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिशों पर गौर किया जाए तो एक बात तो साफ हो जाती है कि पिछले दो विधानसभा चुनावों में इसने कई बड़े नेताओं को गले लगाने का कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने दिया. पिछले एक वर्ष में तो भाजपा ने कांग्रेस की कमर तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

बीते साल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेरने की कोशिश की थी. विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होती, इससे पहले ही भाजपा ने कांग्रेस में सेंधमारी कर तत्कालीन उपनेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को पार्टी के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए रजामंद कर लिया. नतीजतन, विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा ही नहीं हो पाई और बाद में चतुर्वेदी भाजपा में शामिल हो गए. यह ऐसा झटका था जिसने कांग्रेस का मनोबल तोड़ दिया था.

इसके बाद भाजपा ने पिछले वर्ष नवंबर में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले होशंगाबाद से सांसद उदय प्रताप सिंह को तोड़कर कांग्रेस को झटका दिया. इस राजनीतिक घटनाक्रम का चुनाव पर भी खासा असर पड़ा था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!