छत्तीसगढ़

भोरमदेव अभयारण्य के बीच सड़क निर्माण पर रोक लगे

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के भोरमदेव वन्य जीव अभयारण्य बीच सड़क चौड़ीकरण को रोकने की मांग की गई है.रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय समेत संबंधितों को पत्र लिख कर इस आशय की मांग की है. सिंघवी ने कहा है कि भोरमदेव वन्य जीव अभयारण्य से गुजरने वाली चिल्पी से रेंगाखार से सालेवारा जाने वाली सड़क के चौड़ीकरण करने हेतु दी गई अनुमति को निरस्त किया जाए. उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य वन्य प्राणी बोर्ड में 22 मई 2017 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया है कि भोरमदेव वन्य जीव अभयारण्य को प्रोजेक्ट टाइगर के तहत टाइगर रिजर्व बनाया जाये. इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन ने वन मंत्रालय सहित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ और वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया से अनुमति मांगने की कार्यवाही चालू कर दी है.

गौरतलब है कि जिस सड़क को डबल लेन करना है, वहां पर सिंगल लेन सड़क अस्तित्व में है. जहां पर प्रतिदिन का औसत ट्रैफिक सिर्फ 156 गाड़ियां है. इसमें सिर्फ 19 ट्रक गुजरते हैं, सड़क पर सिर्फ 17 ट्रैक्टर चलते हैं. सिर्फ इतने से ट्रैफिक के लिए सड़क चौड़ीकरण की आवश्यकता ही नहीं है. जिसमें 137 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.

इस सड़क की चौड़ीकरण में वन क्षेत्र में 3655 पेड़ काटे जाएंगे, जिसमें सैकड़ों हजारों पक्षियों ने अपने घोसले बना रखे हैं, जहां पर उनके अंडे और बच्चे हैं जो कि पेड़ काटने से मारे जाएंगे. प्रोजेक्ट रिपोर्ट में नेस्टिंग के नाम से कृत्रिम घोसले बनाने का प्रावधान रखा गया है परन्तु जब पेड़ काटने से चिडियों के बच्चे मर जायेंगे और अंडे टूट जायेंगे तो कृत्रिम घोसले में चिड़िया क्या करेगी. भोरमदेव अभयारण्य में ही 14 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 20 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी. इसके अलावा दोनों तरफ़ के रिजर्व फारेस्ट में 12 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 17 हेक्टेयर जमीन लगेगी. फारेस्ट एरिया में वन्य जीवो के आने जाने के लिए 10 जगहों पर सड़क के नीचे अंडरपास बनाना प्रस्तावित किया गया है.

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि भोरमदेव वन्य प्राणी अभयारण्य बाघों का कारिडोर है, जहां से बाघ कान्हा नेशनल पार्क से भोरमदेव अभयारण्य आना जाना करते हैं. यहां तक कि इस कॉरिडोर का उपयोग वन्य प्राणी अचानकमार टाइगर रिजर्व से आना-जाना करने के लिए भी करते हैं. 15 नवंबर 2011 को भोरमदेव वन्य जीव अभयारण्य में एक बाघिन का शिकार करके मार दिया गया था. उससे पहले 20 दिसंबर 2010 को पंडरिया क्षेत्र में एक बाघिन को जहर देकर मार दिया गया था

प्रोजेक्ट रिपोर्ट के हिसाब से सड़क चौड़ीकरण से यातायात बढ़ जायेगा और वहां वाहन 80 से 90 किलो मीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेंगे. लेकिन जब सड़क पर ट्रैफिक ही नहीं है तो 10 जगहों पर वन प्राणियों के लिए अंडरपास बना कर सड़क चौड़ीकरण की जरुरत ही नहीं है. सड़क चौड़ीकरण से वाहनों की स्पीड बढेगी और सड़क पर वाहनों से टकरा कर वन्य जीवों के मरने की दर बढ़ जाएगी.

फैक्ट फाइल

सड़क का नाम: चिल्पी से रेंगाखर से सलेवारा

सड़क की लंबाई: 60 किलो मीटर

अनुबंध की राशि: रुपये 137 करोड़ 57 लाख 32 हजार

सड़क निर्माण करने वाली एजेंसी का नाम: छत्तीसगढ़ रोड डेवेलप[मेंट कारपोरेशन लिमिटेड

ठेकेदार जिसे कार्य अवार्ड हुआ: Gannon Dunkerly & Co Ltd. नई दिल्ली

ठेका अवार्ड होने की तारीख: 05.05.2017

ठेका अवार्ड का आदेश नंबर: 1176/ CGRRDA / 2017

कैबिनेट मंत्री केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से अनुमति: स्टेज एक की अनुमति प्राप्त हो गई है. स्टेज दो की बाकी है.

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