पास-पड़ोस

बिहार: नक्सली मांद में दुबके रहे

पटना | एजेंसी: बिहार चुनाव खून-खराबे के लिए चर्चित रहा है, लेकिन इस बार का चुनाव बिना किसी भी हिंसा के समाप्त हो गया. कई दशकों के बाद यह पहली बार हुआ है कि चुनाव के दौरान न नक्सली अपनी रणनीति में कामयाब हो सके और न ही आपराधिक गिरोहों की बंदूकें मतदान केंद्रों पर गरजीं.

इसका एक बड़ा कारण चुनाव के पहले से ही केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती को माना जा सकता है. इसमें चुनाव आयोग की रणनीति को भी कमतर नहीं आंका जा सकता.

बिहार विधानसभा के पांचों चरण का मतदान न केवल शांतिपूर्ण संपन्न हुआ, बल्कि मतदाता बेखौफ मतदान केंद्र पर पहुंचे और वोट डाला. इस चुनाव में न कोई पुलिसकर्मी शहीद हुआ और न ही किसी आमजन को ही कोई क्षति उठानी पड़ी.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग ने भले ही सितंबर में चुनाव की तिथि की घोषणा की थी, लेकिन चुनाव की तैयारी काफी पहले से ही शुरू कर दी गई थी. बिहार के संवेदनशील क्षेत्रों, अति संवेदनशील क्षेत्रों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर क्षेत्रवार रणनीति बनाई गई.

यही नहीं चुनाव की तिथि की घोषणा के तत्काल बाद ही अर्धसैनिक बलों की 202 कंपनियां बिहार पहुंच गईं और दागियों तथा नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाकर या तो ऐसे तत्वों को अपने ही मांदों में रहने को विवश कर दिया गया या फिर क्षेत्र छोड़कर वे पलायन कर गए.

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को प्रभाव के प्रकार से श्रेणीवार पहचान कर उसी के अनुसार अभियान चलाया गया.

मतदान को लेकर भी सभी मतदान केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई तथा मतदान के पूर्व ऐसे क्षेत्रों में फ्लैग मार्च करवाए गए, जहां मतदाताओं को डराने या धमकाने की आशंका जताई गई थी.

राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले चुनावों की तुलना में सबसे ज्यादा संख्या में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी. हेलीकॉप्टर, ड्रोन, तीन स्तरीय संचार व्यवस्था, सैटेलाइट ट्रैकर समेत अन्य उच्च तकनीकों का बड़ी संख्या में उपयोग भी किया गया. अधिकारी के अनुसार, चरणवार मतदान वाले क्षेत्रों की समीक्षा कर केंद्रीय बलों की उसी के अनुसार तैनाती की गई.

इस चुनाव में विभिन्न केंद्रीय बलों के अलावा कई राज्यों की स्थानीय पुलिस को भी तैनात किया गया.

राज्य निर्वाचन आयोग के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी आऱ लक्ष्मणन ने शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न के लिए सभी लोगों के प्रति आभार जताते हुए कहा, “चुनाव में बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, लेकिन चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया.”

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग को बधाई दी है.

इस बार भी प्रतिबंधित नक्सली संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा की थी, लेकिन यह बेअसर रहा.

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में विभिन्न घटनाओं में 21 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि नवंबर, 2005 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सली हिंसा में 27 लोग असमय ही काल की गाल में समा गए थे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!