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‘आप तो ऐसे नहीं थे’

नई दिल्ली | विशेष संवाददाता: भाजपा नेता तथा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था न खायेंगे न खाने देंगे. यह भी सच है कि भाजपा ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के समय कांग्रेस पर आरोपित भ्रष्ट्राचार के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. उससे दो साल पहले अन्ना हजारे के नेतृत्व में देश के युवाओं को भ्रष्ट्राचार के खिलाफ गोलबंद किया गया था. जिसका सबसे ज्यादा नुकसान सत्तारूढ़ कांग्रेस तथा फायदा विपक्षी भाजपा को राजनीतिक रूप से मिला.

हालांकि, भाजपा पहले से ही दावा करती आई है कि वह ‘पार्टी विथ डिफरेंस’ है. पर सही मायनों में 2014 के लोकसभा चुनाव के समय बड़ी संक्या में युवावर्ग भ्रष्ट्रचार की खिलाफ़त करते हुये वैचारिक तौर पर भाजपा को समर्थन करने लगे. कैसी विडंबना है कि उसी भाजपा में कथित भ्रष्ट्राचार का मुद्दा उठाने वाले को पार्टी विरोधी मान लिया गया.

यदि वाकई मे अरुण जेटली जो देश के वित्तमंत्री के पद पर भी हैं, पाक-साफ हैं तो उन्हें अपने ऊपर आरोप लगाने वालों को उन्हीं की लाठी से पीटने की रणनीति अपनानी चाहिये थी इसकी जांच कराकर. भाजपा सांसद कीर्ति आज़ाद को डीडीसीए प्रकरण पर प्रेस कांफ्रेंस करने के कारण पार्टी से निलंबित करना गलत संदेश देता है.

इससे ऐसा जान पड़ता है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली की खि़लाफत करने के कारण कीर्ति आज़ाद को पार्टी से निकाला गया है. और, आम आदमी पार्टी तथा कांग्रेस भी तो यही चाहती है कि भाजपा पर भ्रष्ट्राचार को लेकर ‘महाभारत’ मचे जिसका राजनीतिक फायदा उन्हें मिले.

उधर, शॉटगन शत्रुघन सिन्हा आज़ाद के समर्थन में उतर आये हैं. उन्होंने तो अप्रत्यक्षक रूप से आडवाणी से सीख लेने के नाम पर इस्तीफा तक मांग डाला. ऐसे कयास लगाये जा रहें हैं कि अगली बारी शत्रुघन सिन्हा की है. कुल मिलाकर अरविंद केजरीवाल का दांव सही निशाने पर लगता प्रतीत हो रहा है.

उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ में भ्रष्टाचार उजागर करने वाले अपने सांसद कीर्ति आजाद को निलंबित कर दिया. अपने निलंबन पर आजाद ने कहा कि यह पार्टी का दुर्भाग्य है, साथ ही उन्होंने आगे भी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया.

गौरतलब है कि आजाद ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान डीडीसीए में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचारों का आरोप लगाया है.

भाजपा के महासचिव अनिल जैन ने कहा, “हां, उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.”

उल्लेखनीय है कि आजाद पिछले आठ वर्षो से डीडीसीए में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते रहे हैं, लेकिन रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन कर उन्होंने ब्योरेवार भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, जिसके बाद उनके निलंबन की यह कार्रवाई की गई.

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या आजाद को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए निलंबित किया गया है.

भाजपा के प्रवक्ता जी. वी. एल. नरसिम्हा राव ने कहा कि पार्टी ने बिहार के दरभंगा संसदीय क्षेत्र से तीन बार सांसद रह चुके आजाद को पार्टी के खिलाफ जाने के लिए निलंबित किया है.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि आजाद को इससे पहले पार्टी के खिलाफ जाने पर एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था.

आईसीसी विश्व कप-1983 विजेता टीम के सदस्य रहे कीर्ति आजाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने से पहले से भाजपा सांसद हैं.

अहमदाबाद में मौजूद आजाद ने कहा कि डीडीसीए में हुए भ्रष्टाचार पर सच बोलने के लिए उन्हें निलंबित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.

आजाद ने कहा, “आखिर मैंने पार्टी के खिलाफ कौन सा काम किया है? मैंने अपनी पार्टी से सच्चे मन से सेवा की है. मैंने कभी नहीं कहा कि जेटली भ्रष्ट हैं. मैंने सिर्फ भ्रष्टाचार का खुलासा किया है.”

आजाद ने कहा कि उन्होंने कभी भी जेटली के खिलाफ नहीं बोला ‘जबकि अधिकतर भ्रष्टाचार जेटली के डीडीसीए का आध्यक्ष रहते हुए ही हुआ’.

आजाद ने कांग्रेस या आम आदमी पार्टी के साथ अपनी सांठगांठ होने से भी इनकार किया और कहा, “कांग्रेस और आप ने तो मेरा ही मुद्दा उठा लिया.”

भविष्य की योजना के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा, “देखिए, आगे क्या होता है. खेल तो अब शुरू हुआ है.”

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे कीर्ति आजाद कई वर्षो से डीडीसीए में वित्तीय अनियमितता का मुद्दा उठाते रहे हैं.

डीडीसीए में भ्रष्टाचार का यह पुराना मुद्दा हालांकि तब चर्चा में छा गया, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 15 दिसंबर को अपने कार्यालय पर हुई केंद्रीय जांच ब्यूरो की छापेमारी के बाद इसे हवा दी.

सीबीआई द्वारा इनकार किए जाने के बावजूद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने उनके कार्यालय में घुसकर डीडीसीए और जेटली से संबंधित फाइल की छानबीन की.

उसके बाद से ही भाजपा आजाद पर डीडीसीए प्रकरण में सार्वजनिक तौर पर कुछ न बोलने का दबाव बनाने लगी, क्योंकि इससे पार्टी की फजीहत हो रही थी.

और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कथित अनुरोध के बावजूद आजाद ने रविवार को डीडीसीए भ्रष्टाचार पर नए खुलासे के लिए संवाददाता सम्मेलन किया.

यहां तक उसके बाद सोमवार को उन्होंने लोकसभा में भी इस मुद्दे को उठाया.

उधर जेटली ने केजरीवाल और आप के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है और क्षतिपूर्ति के तौर पर 10 करोड़ रुपये का दावा किया. उसके बाद आजाद ने जेटली को सार्वजनिक तौर पर चुनौती दी कि वे उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करें.

आप पार्टी ने आजाद के निलंबन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि आजाद को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की सजा मिली है. देश के मतदाता भाजपा से सवाल पूछ सकते हैं कि पहले तो आप ऐसे नहीं थे. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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