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अब अकेले लड़ेगी बसपा

लखनऊ | संवाददाता: बसपा अब उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में अकेले ही मैदान में उतरेगी. उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर उपचुनाव होने हैं.

बसपा ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन करने का कोई लाभ पार्टी को नहीं मिला. पार्टी को कम से कम उन इलाकों में सपा से बहुत उम्मीद थी, जहां यादव वोटर की बहुलता है.

लेकिन यादव वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं हुये. ऐसे में इस गठबंधन को जारी रखने का कोई अर्थ नहीं है. हालांकि अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. लेकिन पार्टी के भीतर हुई बैठक में मायावती ने इस बात के साफ संकेत दे दिये हैं.

उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से साफ कहा है कि वे अपने बलबूते पर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी करें. पार्टी सभी 11 सीटों पर ऐसे लोगों को उतारेगी, जिनकी छवि बेहद स्वच्छ मानी जाती है. इसके अलावा पार्टी ने आक्रमक प्रचार रणनीति भी बनाने की तैयारी की है.

हालांकि यह भी दिलचस्प है कि सपा भी ऐसा ही आरोप बसपा पर लगा रही है. पिछले चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली बसपा को इस चुनाव में 10 सीटें मिली हैं, जबकि सपा को केवल पांच सीटों से संतोष करना पड़ा है.

सपा की हालत का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि फिरोजाबाद, कन्नौज और बदायूं जैसी सीटों पर भी सपा को हार का सामना करना पड़ा. पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव पहले ही इस गठबंधन को लेकर आपत्ति जता चुके थे.

लेकिन कांग्रेस को अलग रख कर सपा-बसपा गठबंधन को इस बार चुनाव में मैदान मार लेने की उम्मीद थी. अब जबकि चुनाव की हकीकत सामने है तो दोनों ही दल एक दूसरे के वोट ट्रांसफर नहीं होने का आरोप लगा कर गठबंधन को अलविदा कहने की मुद्रा में आ गये हैं. माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में इसकी औपचारिक घोषणा भी हो जायेगी.

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