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दुर्गम पहाड़ों में कैंसर के प्रति जागरुकता

हिमाचल प्रदेश | एजेंसी: फैशन डिजायनर जसकीरत बेदी हिमाचल प्रदेश की दुर्गम पहाड़ियों में घर-घर जाकर महिलाओं को स्तन कैंसर के प्रति जागरुक कर रही हैं. दिल्ली की 26 वर्षीया जसकीरत एमटीबी हिमालया-2013 के नौवे संस्करण के छह दिवसीय अभियान की प्रतिभागी हैं. यह अभियान दुनिया के सबसे मुश्किल ‘माउंटेन बाइकिंग’ अभियानों में से एक है.

हिमालया एडवेंचर स्पोर्ट्स एंड टूरिज्म प्रोमोशन एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहित सूद के अनुसार जसकीरत शिमला के एक क्लब द्वारा आयोजित रैली की ऐसी पहली प्रतिभागी हैं, जो लोगों के घर-घर जाकर इस भयंकर बीमारी के प्रति उन्हें आगाह कर रही हैं.

जसकीरत ने बताया, “मैं इस अभियान में पहली बार हिस्सा ले रही हूं. मेरा उद्देश्य कोई खिताब जीतना नहीं है, बल्कि स्तन कैंसर के बारे में लोगों को जागरुक करना है.”

अभियान में शामिल 70 निडर साइकिल सवारों की रैली शनिवार को शिमला से शुरू हुई. माशोबरा, कुफरी, मटिआना, नारकंडा, हातु, बाघी, खडराला, टिक्कर और फिर नारकंडा होती हुई यह रैली राजधानी शिमला में तीन अक्टूबर को संपन्न होगी.

जसकीरत के लिए इस रैली में भाग लेने का मतलब ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों की महिलाओं तक सीधे यह संदेश पहुंचाना है कि शर्म और झिझक छोड़कर मिथकों से संघर्ष करें, स्तन कैंसर का इलाज संभव है.

दिल्ली की संस्था ब्रेस्ट कैंसर प्रोटेक्शन की प्रतिनिधि के रूप में अभियान में शामिल जसकीरत कहती हैं, “जब रैली में शामिल दूसरे लोग साइकिल से लंबी दूरी तय करने के बाद आराम करते हैं, उस वक्त मैं स्थानीय लोगों से भेंट और बातचीत करती हूं.”

जसकीरत स्तन कैंसर की जानकारी देने वाली पर्चियां और किताबें अपने साथ लेकर चलती हैं.

सूद ने बताया कि रैली का सबसे मुश्किल पड़ाव 3,400 मीटर की चढ़ाई चढ़कर नारकंडा के हातु पहुंचना होगा. इसके लिए एक साइकिल सवार को प्रतिदिन 70 किलोमीटर औसतन साइकिल यात्रा करनी होगी.

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