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छत्तीसगढ़ में आधार पर 10 दिन में फैसला

बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में जमानत के लिये आधार को अनिवार्य किये जाने के मामले में 29 जनवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. गुरुवार को अधिवक्ता पीयुष भाटिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने 10 दिन के भीतर प्रकरण के निराकरण के निर्देश दिये हैं.

गौरतलब है कि बिलासपुर हाईकोर्ट ने जमानत के लिए आरोपी के साथ ही जमानतदार के आधार कार्ड की कॉपी और उसका सत्यापन अनिवार्य कर दिया है. सभी ट्रायल कोर्ट को इस आशय के निर्देश जारी कर दिए गये हैं. लेकिन आधार कार्ड के सत्यापन की अनिवार्यता के बाद जमानत के बाद भी लोगों को हफ्तों तक जेल में रहना पड़ रहा है. आधार कार्ड की अनिवार्यता को चुनौती देते हुये युवा अधिवक्ता पीयुष भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की थी.

इधर बिलासपुर बार काऊंसिल ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर आधार कार्ड की कापी की अनिवार्यता पर पुनर्विचार का आग्रह किया था, जिस पर जस्टिस प्रशांत मिश्रा की एकल पीठ ने 29 जनवरी को सुनवाई की तिथि तय की है.

गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई की. याचिकाकर्ता अधिवक्ता पीयूष भाटिया ने कहा कि आधार की अनिवार्यता पर संविधान पीठ पहले से ही सुनवाई कर रही है. इससे पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा इसे जमानत के लिये अनिवार्य किया जाना उचित नहीं है.

कोर्ट में बिलासपुर बार काऊंसिल की तरफ से हस्तक्षेप याचिका प्रस्तुत कर कहा गया कि हाईकोर्ट प्रकरण की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर रही है. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए खानविलकर और जस्टिस डी वीय चंद्रचूड़ ने बिलासपुर हाईकोर्ट को 10 दिन के भीतर इस प्रकरण के निराकरण करने के आदेश जारी किया.

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