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जीवन की जंग हार गई आकांक्षा

भिलाई | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ की बेटी आकांक्षा देश के लिये लड़ने के सपने संजोय जिंदगी की जंग हार गई. छत्तीसगढ़ के भिलाई में सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल आकांक्षा ने 10 अगस्त को दिल्ली के आर्मी अस्पताल में अंतिम सासें ली. आकांक्षा को पीएमओ तथा रक्षा मंत्रालय की पहल पर 26 जुलाई को भिलाई से सेना के एयर एंबुलेंस में दिल्ली ले जाया गया था.

नेवी के अवकाश प्राप्त कमांडेंट रविकांत सोनी की बेटी नेवी में अफसर बनना चाहती थी. उसका भाई भी नेवी में है. इस तरह से छत्तीसगढ़ की एक बेटी नेवी में राज्य का नाम रोशन करने के पहले ही समाचारों की सुर्खियां बनकर रह गई.

आर्मी रिसर्च एंड रेफरल सेंटर दिल्ली में डॉक्टरों के अथक प्रयास के बावजूद भी उसे बचाया न जा सका.

गौरतलब है कि 20 जुलाई को आकांक्षा का भिलाई में एक्सीडेंट हो गया था. एक तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आकर वह बुरी तरह से घायल हो गई थी. उसका ईलाज भिलाई के सेक्टर-9 अस्पताल में चल रहा था.

पांच दिनों के ईलाज के बाद जब उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार न हुआ तो उसके पिता तथा नेवी के अवकाश प्राप्त अफसर ने पीएमओ तथा रक्षा मंत्रालय तो ट्वीट किया था.

उसके बाद पीएमओ तथा रक्षा मंत्रालय की पहलकदमी पर आकांक्षा को भिलाई से रायपुर एयरपोर्ट तक तथा वहां से दिल्ली तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर शिफ्ट किया गया. तमाम तरह की कोशिशें के बावजूद देश के लिये जंग लड़ने का सपना लिये ही आकांक्षा जीवन की जंग हार गई.

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