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छत्तीसगढ़: झोले में लाश, जांच के आदेश

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ शासन ने जगदलपुर मेकॉज में झोले में नवजात का शव रखे जाने की जांच के आदेश दिये हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर सचिव सुनील विजयवर्गीय ने इस जांच के आदेश जारी कर दिये हैं. जगदलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन से 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. गौरतलब है कि जगदलपुर मेडिकल कॉलेज के प्रसूता वार्ड में नवजात का शव झोले में रखा रहा. जिसकी ओर अस्पताल के किसी कर्मचारी या डॉक्टर का ध्यान नहीं गया. मीडिया में इसकी खबर प्रकाशित होने के बाद सारे राज्य में उसकी चर्चा हो रही है. मौत के बाद 12 घंटे तक मासूम का शव झोले में पड़े रहने के बाद उसके शव को ससम्मान गृहग्राम भिजवाने की व्यवस्था रेडक्रास ने करवाई है.

इधर बच्चे को जन्म देने वाली शशिकला अभी हास्पिटल के प्रसव वार्ड में भर्ती है. उसकी तबीयत गंभीर बनी हुई है. डॉक्टर लगातार उसके इलाज में जुटे हुए हैं. शव को पिता यालम रमेश को सौंपकर रेडक्रास ने एंबुलेंस में गृहग्राम भेजा. आम आदमी पार्टी ने इस मामले की बारीकी से जांच करवाने की मांग की है. आप कार्यकर्ताओं का कहना है कि मेकाज में पहले भी बच्चा चोरी की वारदात हो चुकी है. आप पार्टी के नेता रोहित सिंह आर्य ने कहा जब यालम रमेश की पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया था तब बच्चा जिंदा था. इसके बाद रमेश को बच्ची से मिलने नहीं दिया गया. इसके थोड़ी देर बाद स्टाफ एक मृत बच्चे को लेकर बाहर आती है. यह घटनाक्रम कई संदेहों को जन्म देता है. उन्होंने प्रशासन ने मांग की है कि इस पूरी घटना की विस्तृत जांच होनी चाहिए.

उल्लेखनीय है कि बीजापुर के लंकापल्ली पंचायत के आईपेंटा गांव के 20 वर्षीय यालम रमेश अपनी पत्नी शशिकला को मंगलवार को डिलीवरी के लिये जगदलपुर मेडिकल कॉलेज लेकर गये थे. वहां उनकी पत्नी ने मृत बच्चे को जन्म दिया. अस्पताल द्वारा नवजात के शव को उसके पिता यालम रमेश को थमा दिया गया. उधर पैसे खत्म हो जाने के कारण अपनी पत्नी के ईलाज के पैसे के जुगाड़ में वह भटकता रहा.

जब यालम रमेश जिला कलेक्टर के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचा तो उसकी बात किसी को समझ में नहीं आई. क्योंकि उसे हिन्दी नहीं आती थी तथा वह जिस बोली में बात कर रहा था वह किसी को समझ में नहीं आया. जिला कलेक्टर को इतना समझ में आ गया कि यालम रमेश अपनी पत्नी का ईलाज कराने मेडिकल कॉलेज आया हुआ है तथा उसे मदद की जरूरत है. उन्होंने तुरंत रेडक्रास के सदस्यों को अस्पताल भेजा तो मामले का खुलासा हुआ. इसके बाद जगदलपुर मेडिकल कॉलेज के डिलीवरी वार्ड में भीड़ लग गई.

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