छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: बस्तर-सरगुजा प्राधिकरणों की बैठक

रायपुर | संवाददाता: राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एक बैठक में बस्तर तथा सरगुजा में विद्युतीकरण के काम को पूरा करने का निर्देश दिया. शनिवार यहां मंत्रालय में बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण और सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की र्बैठक हुई.

मुख्यमंत्री ने बस्तर प्राधिकरण की बैठक में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को अबूझमाड़ के 351 गांवों को सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत करने के लिए जल्द से जल्द काम शुरू करवाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इस वर्ष 11 हजार किसानों को सिंचाई सुविधा के लिए सौर ऊर्जा आधारित पम्प देने की योजना है. बस्तर और सरगुजा प्राधिकरणों के गांवों के किसानों को भी इसका लाभ दिलाया जाए.

डॉ. सिंह ने विद्युत विहीन मजरो-टोलों के सौर विद्युतीकरण पर भी विशेष रूप से बल दिया. उन्होंने कहा कि किसानों के असाध्य सिंचाई पम्पों के विद्युतीकरण से संबंधित मामलों का भी जल्द निराकरण किया जाए. सरगुजा प्राधिकरण के जिलों में पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16 में 325 किसानों को इसकी मंजूरी मिली थी. उनमें से 324 के असाध्य पम्पों को बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है.

उन्होंने जिला कलेक्टरों से यह भी कहा कि दोनों प्राधिकरणों के जिलों में आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा संचालित आश्रम, शालाओं और छात्रावासों का लगातार निरीक्षण करने और उनमें रहने वाले बच्चों के लिए पेयजल तथा शौचालय सहित सभी आवश्यक सुविधाओं का पूरा ध्यान रखने की जरूरत है.

डॉ. सिंह ने जिला कलेक्टरों से कहा कि वे प्राधिकरण क्षेत्र के जिलों में ग्रामीणों के वन अधिकार मान्यता पत्रों से संबंधित मामलों का जल्द से जल्द निराकरण करते हुए नियमानुसार पट्टा वितरण की कार्रवाई जल्द पूर्ण करें. उन्होंने कलेक्टरों को वन अधिकार मान्यता पत्रों के ऐसे लम्बित मामलों का निपटारा करने के लिए सरपंचों और ग्राम पंचायत सचिवों के साथ राजस्व और वन विभाग के अधिकारियों की बैठक भी जल्द बुलाने का आदेश दिया.

उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि जिन प्रकरणों में कुछ वन अधिकार पटटे निरस्त हुए हैं, उनकी दोबारा समीक्षा की जाए और ग्रामसभा में पुनर्विचार के लिए प्रस्ताव रखा जाए. यह कार्य अगले छह माह में पूर्ण कर लिया जाए.

डॉ. रमन सिंह ने बस्तर प्राधिकरण की बैठक में दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला लौह अयस्क परियोजना क्षेत्र के आठ गांवों में जल प्रदूषण के बचाव के लिए नेरली सामूहिक जल प्रदाय योजना का काम भी तत्काल शुरू करने पर जोर देते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव को इस बारे में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए.

बैठक में बताया गया कि नेरली सामूहिक जल प्रदाय योजना के लिए राष्ट्रीय खनिज विकास निगम द्वारा पांच करोड़ 92 लाख रूपए दिए जा चुके हैं. इस योजना से नेरली सहित आठ गांव लाभान्वित होंगे, जिनमें बेहनार, पिनाबचेली, बेनपाल, मदाड़ी, चोलनार, कलेपाल और सामलवार शामिल हैं.

मुख्यमंत्री ने बैठक में सरगुजा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से प्राप्त जानकारी को गंभीरता से लिया और अधिकारियों से कहा कि उस क्षेत्र में कोयला परिवहन के कारण सड़कों की हालत खराब होने पर उनकी मरम्मत के लिए केन्द्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम दक्षिण पूर्व कोयल प्रक्षेत्र लिमिटेड और निजी क्षेत्र की एक कम्पनी को तत्काल निर्देशित किया जाए, जिनके द्वारा कोयला ढुलाई का कार्य किया जा रहा है. उन्हें इन सड़कों के उन्नयन के लिए भी निर्देशित किया जाए.

बैठक में युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए संचालित शहीद वीर नारायण सिंह स्वावलम्बन योजना की समीक्षा की गयी.

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