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छत्तीसगढ़ बनेगा अटलगढ़

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में राजधानी नया रायपुर का नाम अटल नगर करने का फैसला किया है. इसके अलावा बिलासपुर विश्वविद्यालय का नाम अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर होगा. राजनांदगांव के मेडिकल कॉलेज का नाम भी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होगा. सरकार हर साल एक कवि को अटल बिहारी वाजपेयी के नाम का पुरस्कार देगी. छत्तीसगढ़ के हर जिले में अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति लगाई जायेगी.

रायपुर के सेंट्रल पार्क का नाम भी बदल कर अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर किया जायेगा. मड़वा ताप बिजली परियोजना भी आने वाले दिनों में अटल जी के नाम पर होगा. रायपुर के एक्सप्रेस-वे का नामकरण भी स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर होगा. नया रायपुर में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर एक स्मारक भी बनाया जायेगा. छत्तीसगढ़ के पाठ्यपुस्तकों में अटल बिहारी वाजपेयी की कहानी शामिल की जायेगी. इस साल नवंबर में त्रि-स्तरीय पंचायतों और नगरीय निकायों के लिए अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन पुरस्कार भी दिया जायेगा.

मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी. मंत्रीमंडल की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए शोक प्रस्ताव पारित किया गया. बैठक में त्रिस्तरीय पंचायतों, नगरीय निकायों और निगमों तथा मंडलों को भी यह शोक प्रस्ताव पारित करने के लिए भेजे जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. बैठक बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के ऐतिहासिक योगदान को देखते हुए राज्य में उनकी स्मृतियों को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं.

इस बैठक में फैसला लिया गया कि छत्तीसगढ़ सुरक्षा बल की एक बटालियन का नामकरण पोखरण बटालियन रखा जायेगा. मंत्रीमंडल में फैसला लिया गया कि सहज बिजली बिल योजना के तहत वर्ष 2002 की बीपीएल सूची और वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना के आधार पर नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को 40 यूनिट प्रतिमाह नि:शुल्क बिजली की सीमा से ज्यादा की खपत पर प्रचलित टैरिफ के स्थान पर 100 रुपए माह के मान से फ्लैट रेट पर बिल भुगतान की सुविधा का विकल्प दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि इससे 12 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को फायदा होगा और उन्हें लगभग 500 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी.

मंत्रीमंडल में छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम के गठन का भी निर्णय लिया गया. यह निगम संस्कृति विभाग के अंतर्गत होगा. इसमें फिल्म निर्माण के विभिन्न पक्षों को आर्थिक सहायता, अनुदान आदि देने की भी व्यवस्था रहेगी. संस्कृति विभाग के सचिव या उनके नामांकित प्रतिनिधि, वित्त विभाग के सचिव या उनके नामांकित प्रतिनिधि, संचालक जनसम्पर्क, संचालक उद्योग, प्रबंध संचालक पर्यटन मंडल और संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संचालक इसके सदस्य होंगे. संचालक मंडल में शासन द्वारा नामांकित अधिकतम 5 अशासकीय सदस्य भी होंगे. फिल्म विकास निगम के प्रबंध संचालक इसके सदस्य सचिव होंगे.

मुख्यमंत्री ने बताया कि मंत्रिपरिषद की आज की बैठक में राज्य के बेमेतरा, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और कोण्डागांव के 17 मार्गों पर सिटी बस सेवा के परिचालन के लिए इन मार्गों को पार्श्वस्थ क्षेत्र/ शहरी मार्ग घोषित किया गया. रमन सिंह ने यह भी बताया कि केबिनेट की बैठक में तेन्दूपत्ता संगा्रहकों को वर्ष 2017 के संग्रहण कार्य पर 744 करोड़ 93 लाख रूपए का बोनस देने का भी निर्णय लिया गया.

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