बस्तर

छत्तीसगढ़: 15 दिनों में मुआवजा

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में हाथी, भालू एवं अन्य वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि एवं घायल किए जाने के मामलों में अब प्रभावितों को मुआवजा दस दिनों में मिल जाएगा. पहले इसके भुगतान की समय सीमा 40 दिनों की थी.

वन विभाग ने प्रभावितों को तत्काल राहत मुहैया कराने के उद्देश्य से मुआवजा राशि के भुगतान की समय-सीमा 40 दिनों से घटाकर दस दिन कर दी है. वन्य प्राणियों द्वारा मकान क्षति एवं फसल नुकसान, तथा पशुहानि के मामले में भी अब प्रभावितों को मुआवजे का भुगतान 15 दिनों में कर दिया जाएगा. पहले इसकी भी भुगतान की समय-सीमा 40 दिनों की थी.

उल्लेखनीय है कि वन्य प्राणियों द्वारा किए जाने वाले जान और माल के नुकसान के मामले में प्रभावितों को मुआवजा देने के काम को छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 में शामिल किया गया है. इसके लिए पहले 40 दिन की समय-सीमा निर्धारित थी. वन विभाग ने अब इसे घटाकर जनहानि और घायल होने के प्रकरणों में दस दिन और मकान क्षति, फसल नुकसान तथा पशुहानि के मामले में मुआवजा भुगतान के लिए 15 दिनों की नई समय-सीमा तय की है.

छत्तीसगढ़ शासन के वन विभाग ने छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और प्रधान मुख्य वन संरक्षक को परिपत्र जारी कर संशोधित समय-सीमा के अनुसार वन्य प्राणियों द्वारा जन-धन हानि के प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं.

वित्त विभाग ने भी राज्य के सभी कोषालयों को निर्देश जारी कर इस तरह के मुआवजा भुगतान के देयकों को प्राथमिकता से पारित करने कहा है.

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