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बिजली में छत्तीसगढ़ सबसे पीछे

रायपुर | संवाददाता: सरप्लस बिजली वाले छत्तीसगढ़ में भी बिजली की आपूर्ति मांग के अनुरुप नहीं है. सरकार लाख दावा करे कि राज्य में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति है लेकिन पिछले साल भर के व्यस्ततम मांग और आपूर्ति के आंकड़े बताते हैं कि हालात ऐसे नहीं है.

छत्तीसगढ़ बिजली देने में देश के 10 राज्यों से पीछे है. हालत ये है कि छत्तीसगढ़ से बिजली ले कर तेलंगाना बिजली आपूर्ति में छत्तीसगढ़ से आगे है. पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में भी छत्तीसगढ़ के मुकाबले बिजली की स्थिति ठीक है.

विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के आंकड़ों की मानें तो देश के औसत व्यस्ततम मांग की तुलना में जितनी आपूर्ति है, उसमें महज दो फीसदी की कमी है लेकिन छत्तीसगढ़ में यह आंकड़ा 6 प्रतिशत के आसपास है.

अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में इस सल व्यस्ततम मांग 4,168 मेगावॉट थी. इसकी तुलना में सरकार केवल 3887 मेगावॉट विद्युत आपूर्ति कर पाई. इस तरह पूरी नहीं की गई मांग 282 मेगावॉट थी, जो कुल मांग का 6.8 फीसदी थी.

भारत के आंकड़े देखें तो व्यस्ततम मांग 164,066 मेगावॉट थी, जिसकी तुलना में 160,752 मेगावॉट विद्युत आपूर्ति की गई. इस तरह मांग की तुलना में 3,314 मेगावॉट कम विद्युत आपूर्ति की गई. आपूर्ति नहीं की गई बिजली मांग की तुलना में केवल 2 प्रतिशत है.

अगर राज्यों के साथ तुलना करें तो पश्चिमी क्षेत्र के सभी राज्य गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, दमन व दीव, दादरा नागर हवेली और गोवा के सामने व्यस्ततम विद्युत आपूर्ति के मामले में छत्तीसगढ़ फिसड्डी है.

दक्षिणी क्षेत्र के सभी राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और लक्ष्यद्वीप विद्युत आपूर्ति में छत्तीसगढ़ से आगे हैं.

पूर्वी क्षेत्र में अंडमान निकोबार को छोड़ कर बिहार, डीवीसी, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम, सभी राज्य छत्तीसगढ़ से आगे हैं.

पूर्वोत्तर क्षेत्र में मिजोरम को छोड़ कर नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश भी छत्तीसगढ़ से आगे हैं.

उत्तरी क्षेत्र की बात करें तो चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड ने भी व्यस्ततम मांग और आपूर्ति के मामले में छत्तीसगढ़ को पीछे छोड़ दिया है.

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