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छत्तीसगढ़: फर्जी मुठभेड़ का आरोप

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के बस्तर में फिर से पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ के नाम पर ग्रामीणों को मारने का आरोप लगाया जा रहा है. इससे पहले भी बस्तर पुलिस पर मानवाधिकार संगठन फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाते रहे हैं. ताजा मामला कोण्डागांव तथा कोयलीबेड़ा का है.

कोण्डागांव

कोण्डागांव के बावड़ी जंगल में पिछले दिनों पुलिस मुठभेड़ में मारे गये कथित नक्सली की पत्नी ने दावा किया है कि उऩके पति को फर्जी मुठभेड़ में मारा गया है. मृतक कथित नक्सली की पत्नी कचरीबाई ने बुधवार को ग्रामीणों तथा परिजनों के साथ मिलकर पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा है जिसमें पति के हत्यारों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.

कचरीबाई का कहना है कि पुलिस उनके पति को घर से उठाकर ले गई थी जिसके बाद उनकी लाश ही लौटी. कचरीबाई का कहना है कि उनका पति नक्सली गतिविधियों में शामिल नहीं था.

इससे पहले भी पुलिस ने उसके पति को फर्जी मामला बनाकर जेल भेजा था. अदालत ने 30 जुलाई 2016 को उनको दोषमुक्त मानते हुये रिहा किया था.

कोयलीबेड़ा

उधर, कोयलीबेड़ा में गुरुवार को 17 पंचायतों के प्रतिनिधि एवं गांव के महिला-पुरुषों ने रैली निकालकर गोमे में हुये मुठभेड़ को फर्जी करार दिया है. रैली के बाद सभा को संबोधित करते हुये मृतक की पत्नी सावित्री बाई ने कहा कि मेरे पति फड़ मुंशी का काम करते थे वे नक्सली नहीं थे.

घटना के दिन वे पहाड़ी की तरफ गये थे जहां पुलिस ने उन्हें गोलियों से उड़ा दिया था. घटना के बाद शव को थाने लाया गया. सावित्री बाई का कहना है कि यदि उनके पति नक्सली थे तो गिरफ्तार करके घर लाना था, गोली क्यों मार दी गई.

सभा को जिला पंचायत सदस्य तथा सरपंचों ने भी संबोधित किया. सभा में जन प्रतिनिधियों ने ग्रामीणों को नक्सली बता फर्जी मुठभेड़ बंद करने की मांग की है.

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