छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में विदेशी हैलोजन बैन

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ सरकार ने आयातित हैलोजन बल्ब बैन कर दिये हैं. उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले राजनांदगांव में आयातित चीनी बल्बों के फूटने से 400 लोगों की आंखें सूज गई थी. उससे पहले भी बालोद में चीनी हैलोजन बल्ब के कारण हजार के करीब लोगों की आंखें सूज गई थी. राजनांदगांव में 400 लोगों के आंखों में चीनी बल्लों के फूटने से हुई सूजन के बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शनिवार को ही घोषणा की थी कि चीन और अन्य देशों से छत्तीसगढ़ में अवैध तरीके से आने वाली गुणवत्ताविहीन हैलोजन लाईट जैसी उन वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया जायेगा, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है.

उन्होंने कहा था कि ऐसी वस्तुओं की बिक्री पर पाबंदी लगाने के लिए राज्य सरकार जल्द निर्देश जारी करेगी. उसके बाद रविवार को ही विदेशों से आयातित सस्ते तथा हानिकारक बल्लों पर राज्य में प्रतिबंध लगा दिया गया है.

सस्ते और आयातित हैलोजन बल्बों के कारण मानव स्वास्थ्य को हानि पहुंचने की कुछ घटनाओं को छत्तीसगढ़ सरकार ने गंभीरता से लिया है. राज्य के सभी जिलों में ऐसे बल्बों के उपयोग पर रोक लगाने के लिए जिला कलेक्टरों को ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की मदद से दुकानों पर लगातार निगरानी रखने और आम जनता के बीच जागरूकता लाने के निर्देश राज्य शासन द्वारा दिए गए हैं.

इसके साथ ही आम जनता और विशेष रूप से सामाजिक-सांस्कृतिक आयोजन करने वाली संस्थाओं से कार्यक्रमों में ऐसे बल्बों का इस्तेमाल नहीं करने की भी अपील की गई है.

राज्य शासन के ध्यान में यह बात लायी गई है कि ऐसे बल्बों का इस्तेमाल में काफी जोखिम है और ये मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी है. कुछ स्थानों से इस प्रकार के बल्बों के फटने की भी रिपोर्ट आयी है. इन बल्बों के कारण लोगों की त्वचा और आंखों में एलर्जिक प्रतिक्रिया देखी गई है.

तीज त्यौहारों के मौसम को देखते हुए भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर इस प्रकार की घटना होने की आशंका भी बनी रहती है. छत्तीसगढ़ सरकार का यह मानना है कि इन सब बातों को देखते हुए ऐसे हानिकारक बल्बों के विक्रय और उपयोग पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है.

इस सिलसिले में छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि वे अपने-अपने जिलों में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की मदद से इस पर निगाह रखे और सस्ते तथा आयातित हैलोजन बल्बों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की कार्रवाई की जाए. बिजली के सामान बेचने वाले दुकानदारों को भी इस प्रकार के सस्ते और आयातित बल्बों के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं.

राज्य सरकार ने जिला कलेक्टरों से यह भी कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस बारे में जागरूकता लाने का प्रयास किया जाए और विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक आयोजनों तथा पर्वों से जुड़ी समितियों से सम्पर्क कर उन्हें इस प्रकार के नुकसानदायक बल्बों का इस्तेमाल नहीं करने की समझाइश दी जाए.

चीन से आयात के आकड़े-
चीन से भारत में भारी मात्रा में आयात होता है. साल 2015-16 में चीन से 4 करोड़ 04 लाख 04 हजार 338.49 लाख रुपयों का आयात हुआ था. यह भारत में हुये कुल आयात का 16.2247 फीसदी है.

जबकि उसके पिछले साल 2014-15 में चीन से भारत में 3 करोड़ 69 लाख 56 हजार 536.01 लाख रुपयों का आयात हुआ था जो भारत में हुये कुल आयात का 13.5021 फीसदी था.

इस तरह से भारत में चीनी वस्तुओं के आयात में बढ़ोतरी हुई है. जबकि इसकी तुलना में भारत से चीन में 9.02 फीसदी का निर्यात कम होता है.

चीन से बिजली के सामान के आयात के आकड़े-
उल्लेखनीय है चीन से भारत में भारी मात्रा में बिजली के सामान आयात किये जाते हैं. पिछले साल 2015-16 में चीन से 1 करोड़ 29 लाख 49 हजार 120.49 लाख रुपयों का बिजली का सामान आयात किया गया था. इस साल 2016-17 याने अप्रैल से जुलाई के बीच 40 लाख 41 हजार 285.80 लाख रुपयों के बिजली के सामान का चीन से भारत में आयात किया जा चुका है.

इस तरह से आकड़े गवाह हैं कि चीन से जो सामान भारत आयात किया जाता है उसमें करीब एक चौथाई बिजली का सामान होता है.

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