छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: किन्नर बनेंगे लड़का-लड़की

रायपुर | बीबीसी: छत्तीसगढ़ के किन्नर जल्द ही लड़का या लड़की बन आयेंगे. छत्तीसगढ़ सरकार उनका ऑपरेशन करवा कर उन्हें उनकी पीड़ा से मुक्ति दिलायेगी. देश के अन्य स्थानों पर किन्नरों के ऑपरेशन होते रहते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ में सरकार ने उनका ऑपरेशन करवाने का बीड़ा उठाया है. इससे किन्नर खुश हैं क्योंकि वे लोग अब आसानी से अपना लिंग परिवर्तन करवा सकेंगे.

राज्य सरकार ने ट्रांसजेडर समुदाय के लिए लिंग परिवर्तन ऑपरेशन की पहल की है. इसका ख़र्च राज्य का समाज कल्याण विभाग उठाएगा.
सरकार के इस निर्णय से ट्रांसजेंडर समुदाय ख़ुश है.

रायपुर शहर में रहने वाली विद्या राजपूत अब किन्नर नहीं कहलाना चाहतीं. वह चाहती हैं कि जल्दी से जल्दी सरकारी घोषणा पर अमल हो और वह झटपट अपना ऑपरेशन कराएं.

000’पीड़ा नहीं समझ सकते’
विद्या लिंग परिवर्तन का ऑपरेशन करवाने के बाद लड़की बनना चाहती हैं.

वह कहती हैं, “मेरा मन एक लड़की का है लेकिन मेरा शरीर मुझे पूरी तरह से लड़की होने की इजाजत नहीं देता. इस अधूरे शरीर का बोझ उठा कर थक गई. अब मैं लड़की बनना चाहती हूं और नई पहचान के साथ जीना चाहती हूं.”

किन्नर समुदाय की रबीना बरीहा के पास अपने समुदाय से जुड़े लोगों को लेकर कई क़िस्से हैं.

रबीना का दावा है कि थर्ड जेंडर के लोगों को काम नहीं मिलता और कहीं काम मिल भी गया तो उससे ग़ुज़ारे लायक़ पैसे ही मिल पाते हैं.

रबीना बताती हैं, “मैंने देखा है कि हमारे समुदाय के कई लोग शराब के नशे में अपनी पहचान बदलने के लिए खुद ही चाकू-छुरी लेकर अपना अंग-भंग करने लग जाते हैं. आप इस पीड़ा को नहीं समझ सकते.”

000’सफल प्रक्रिया’
तमिलनाडु में लिंग परिवर्तन के मुफ्त ऑपरेशन की शुरुआत करने वाले चेन्नई स्थित सेंटर फॉर हेल्थ रिसर्च के प्रबंध निदेशक डॉक्टर वेंकटेश चक्रपाणी इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की मदद कर रहे हैं.

उनका दावा है कि लिंग परिवर्तन के ऑपरेशन अभी तक शत-प्रतिशत सफल रहे हैं और इस ऑपरेशन के बाद गर्भधारण को छोड़कर शरीर के सभी हिस्से किसी स्त्री की तरह हो जाते हैं.

चक्रपाणी कहते हैं, “लिंग परिवर्तन में ऑपरेशन के अलावा हार्मोन परिवर्तन की दवाओं का सहारा लिया जाता है और लगभग 8 महीने तक चलने वाली इस पूरी प्रक्रिया में डेढ़ से चार लाख रुपए तक का ख़र्च आता है.”

स्वास्थ्य विभाग में अतिरिक्त परियोजना संचालक डॉक्टर एसके बिंझवार के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार के पास अभी थर्ड जेंडर के लगभग तीन हज़ार लोग पंजीकृत हैं.

सरकार की कोशिश है कि थर्ड जेंडर समुदाय के अधिक से अधिक लोगों को पंजीकृत किया जाए और फिर बजट के प्रावधान को देखते हुए उनके लिंग परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू की जाए.

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