रायपुर

छत्तीसगढ़: 2 सितंबर यूनियनों की हड़ताल

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के अधिकांश ट्रेड यूनियन 2 सितंबर को हड़ताल पर रहेंगे. जिसका रेलवे यूनियन ने समर्थन करने की घोषणा की है. छत्तीसगढ़ की चार वामपंथी पार्टियां माकपा, भाकपा, भाकपा माले-लिबरेशन तथा एसयूसीआई सी ने केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों, केन्द्रीय सरकार कर्मचारी फेडरेशनों व सार्वजनिक क्षेत्र की यूनियनों द्वारा 2 सितम्बर को आहूत देशव्यापी हड़ताल का पूर्ण समर्थन करते हुए इसे सफल बनाने की अपील की है. चारों पार्टियों ने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि वामपंथी पार्टियों के जनसंगठन भी इस दिन सड़कों पर उतरेंगे.

छत्तीसगढ़ माकपा के संजय पराते, छत्तसीगढ़ भाकपा के आरडीसीपी राव, भाकपा माले-लिबरेशन के बृजेन्द्र तिवारी तथा एसयूसीआई सी के विश्वजीत हिरोड़े ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों व भूमि अधिग्रहण कानून में प्रस्तावित मजदूर-किसान विरोधी संशोधनों के खिलाफ यह हड़ताल हो रही है.

बयान में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्रों, रेलवे, रक्षा, बीमा, बिजली, बंदरगाह व हवाई अड्डों के निजीकरण के खिलाफ देश के मजदूर 2 सितंबर को हड़ताल पर रहेंगे. इसके अलावा न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी व ठेका मजदूरों को नियमित मजदूरों के समकक्ष सुविधाएं देने तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाने की मांग को लेकर आयोजित की जा रही है. लेकिन इन मांगों पर मोदी सरकार ने कोई सकारात्मक प्रत्युत्तर नहीं दिया है.

ट्रेड यूनियनों द्वारा पेश 12 सूत्रीय मांगें केन्द्र सरकार से अपनी नीतियों में बुनियादी परिवर्तन की मांग करती है. छत्तीसगढ़ के वामपंथी पार्टियों के नेताओं ने कहा है कि वे नीतियों में बुनियादी परिवर्तन के लिए ट्रेड यूनियन संघर्षों के साथ हैं. भूमि अधिग्रहण क़ानून में प्रस्तावित संशोधनों से देश में व्याप्त कृषि संकट और बढेगा तथा दलित-आदिवासी तबकों के साथ ही देश की खेती-किसानी भी चौपट हो जाएगी. अतः 2 सितम्बर को प्रदेश के किसान भी मजदूरों के साथ सड़कों पर उतरेंगे तथा संघर्ष की कार्यवाहियों में हिस्सा लेंगे.

उन्होंने दावा किया कि बीएमएस के हड़ताल तोड़क रूख के बावजूद उनसे सम्बद्ध छत्तीसगढ़ के अधिकाँश मजदूर इस हड़ताल में भाग लेने जा रहे हैं, क्योंकि हड़ताल की यह कार्यवाही देश की अर्थव्यवस्था को बचाने की राष्ट्रभक्तिपूर्ण कार्यवाही है.

error: Content is protected !!